लॉकडाउन में नवजात बच्ची को बोरी में लपेटकर छोड़ा लावारिस

                                               अमानवीय - शरीर पर रेंग रही थीं चींटियां











     कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच यहां शनिवार (16 मई) को एक नवजात बच्ची को अमानवीय हालात में लावारिस छोड़ दिया गया। इस बच्ची को पुलिस ने क्षेत्रीय निवासियों की मदद से बचाया।


     पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नवजात बच्ची राऊ इलाके के रंगवासा औद्योगिक क्षेत्र में सड़क किनारे बोरी में लिपटी हुई मिली। बच्ची को जहां लावारिस छोड़ा गया था, वहां कचरा पड़ा था और उसके शरीर पर कई चींटियां रेंग रही थीं। चींटियों के काटने से बच्ची रोए जा रही थी।



     अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय महिलाओं ने नवजात बच्ची के शरीर से चींटियों को हटाते हुए उसे नहलाकर साफ किया। पुलिस ने बच्ची को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के बाद उसकी हालत फिलहाल ठीक है। उन्होंने बताया कि बच्ची के मामले में अज्ञात आरोपी पर भारतीय दंड विधान की धारा 317 (शिशु के माता-पिता या उसकी देखरेख करने वाले व्यक्ति द्वारा उसे असुरक्षित स्थिति में लावारिस छोड़ना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।


     मामले की जांच के जरिये आरोपी की पहचान की कोशिश की जा रही है। इस बीच, नवजात बच्ची को बचाने वाली क्षेत्रीय महिलाओं में शामिल सविता (30) ने कहा, "मैंने बच्ची को बुरी हालत में देखते ही उठा लिया था। तब मैंने सोचा कि भले ही पुलिस मुझसे पूछताछ करे या लॉकडाउन तोड़कर घर से बाहर निकलने पर मुझे डंडे मारे, लेकिन मैं हर हाल में बच्ची को बचाकर ही रहूंगी।"