बिहार के सारण जिले के दीघरा गांव में एक फोन से मंगलवार की रात जितनी भारी गुजरी, बुधवार को दूसरी कॉल के बाद उतनी ही खुशियां लौट आर्ईं। सेना के जवान सुनील कुमार के घर पहले शहादत की सूचना पहुंची लेकिन सोलह घंटे बाद सकुशल होने की सूचना के साथ घरवालों से बात भी कराई गई। रात में मनहूस खबर: जवान सुनील कुमार के घर एक दिन पहले रात को उनके शहीद होने की मनहूस खबर आई थी। इसके बाद घर में मातम शुरू हो गया था। रात से सुबह 8:30 तक यूनिट से पल-पल की जानकारी मिलती रही। सुबह तक बताया गया कि सीमा पर चीन के साथ हुए संघर्ष में शहीद हुए सुनील के शव को डिस्पैच करने के इंतजाम किए जा रहे हैं।
शुभचिंतकों का जमावड़ा - बुधवार दोपहर उनके घर सैकड़ों शुभचिंतकों का जमावड़ा लग गया। दोपहर के डेढ़ बजे जवान सुनील के घर के बाहर आसपास के लोगों की भीड़ जुटी थी। विधायक चंद्रिका राय, पड़ोसी और जवान के कुछ सगे संबंधी भी दरवाजे पर बैठे हुए थे।
भैया सकुशल हैं - इसी बीच लद्दाख में तैनात जवान सुनील के भाई अनिल कुमार चहकते हुए आए बोले कि मेरे भैया खुशकिस्मत हैं, जो सकुशल हैं। भाई ने बताया कि सुनील की यूनिट से कॉन्फ्रेंस कॉल कर जानकारी दी गई कि सुनील अभी जीवित हैं।
चिंता मत करो, ठीक हूं - सुनील की पत्नी मेनका कहती हैं- जब मुझसे कांफ्रेंस कॉल पर बात कराई गई तो मैं चकित रह गई। मेरी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। फोन पर उधर से रोशनी के पापा ही बोल रहे थे। सुनील ने कहा, तुम लोग चिंता मत करो मैं ठीक हूं। पति के शहीद होने की खबर सुनकर पिछले 16 घंटे से पत्नी मेनका का रो-रो कर बुरा हाल था। पर अब पति के जिंदा होने की खबर सुनकर अब ऐसा लगा रहा था जैसे खुशियों का संसार फिर लौट आया है। सुनील 2021 में ही रिटायर होने वाले हैं।
गलतफहमी: एक जैसे नाम से शहीद होने की सूचना - एक गलतफहमी की वजह से मंगलवार को सारण के सुनील कुमार के चीन की सीमा पर झड़प में शहीद होने की खबर दी गई थी। बाद में सच्चाई पता चलने पर सेना द्वारा गलतफहमी दूर की गई।
गम : आंसुओं में गुजरी सारी रात, सुबह खुशियां लेकर आई - घर में रात भर माहौल गमगीन रहा। किसी ने खाना नहीं खाया। सुनील के नंबर पर फोन लगाया जा रहा था लेकिन लग नहीं रहा था। किसी को रात भर नींद भी नहीं आई। पर सुबह सेना के फोन से खुशियां लौट आईं।