चीन के साथ खूनी झड़प में शहीद हुए बिहार के चार लाल शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उस मिट्टी के हो गए जिसमें उन्होंने जन्म लिया। जिसने उन्हें दुश्मनों के सामने सीना ताने खड़े होने लायक बनाया। लाखों लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। भले ही जगह अलग-अलग थी, लेकिन जज्बात एक थे, माहौल एक था, नारे भी एक थे। भारत माता के जयघोष के साथ मानों यह संदेश देते हुए- राह कुर्बानियों की ना वीरान हो, तुम सजाते ही रहना नये काफिले, फतह का जश्न इस जश्न के बाद है, जिन्दगी मौत से मिल रही है गले, बांध लो अपने सर से कफन साथियों.... रणबांकुरे विदा हो लिए। समस्तीपुर में शहीद अमन कुमार, सहरसा के आरण में कुंदन कुमार, आरा में शहीद चंदन व हाजीपुर में जय किशोर सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ।
चीनी सेना से हुई झड़प में लद्दाख के गलवान घाटी में शहीद हुए समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर के लाल अमन कुमार सिंह शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। सैन्य सम्मान व भारत माता की जय के गगनभेदी नारों के बीच परिजनों ने उनको अंतिम विदाई दी। इस दौरान प्रशासनिक व सेना के अधिकारियों के साथ काफी संख्या में आमलोग भी मौजूद थे। मोहिउद्दीननगर के सुल्तानपुर पूरब गांव से करीब दस किमी पर स्थित गंगा किनारे अमन के छोटे भाई रोहित कुमार सिंह ने मुखाग्नि दी। इससे पहले मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में राज्य के योजना और विकास मंत्री महेश्वर हजारी, डीएम शशांक शुभंकर, एसपी विकास वर्मन, पटोरी एसडीओ मो. शफीक, पटोरी एएसपी विजय कुमार के अलावा सेना के अधिकारियों ने शहीद अमन के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया। मंत्री ने अमन के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। मोहिउद्दीननगर की विधायक एज्या यादव भी अमन को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं।