देश के करोड़ों खुदरा और थोक व्यापारियों ने चीन से आयातित माल का बहिष्कार करने का बुधवार को एक अभियान शुरू किया है. इस अभियान के द्वारा व्यापारियों की योजना दिसंबर 2021 तक चीन से आयात बिल 1 लाख करोड़ रुपये का घटाना है.
बन चुकी है लिस्ट - कंफडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के तहत व्यापारियों ने करीब 3,000 ऐसी वस्तुओं की लिस्ट बनाई है जिनका बड़ा हिस्सा चीन से आयात किया जाता है, लेकिन जिनका विकल्प भारत में मौजूद है या तैयार किया जा सकता है. CAIT ने जिन वस्तुओं की सूची बनाई है, उनमें मुख्यत: इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, एफएमसीजी उत्पाद, खिलौने, गिफ्ट आइटम, कंफेक्शनरी उत्पाद, कपड़े, घड़ियां और कई तरह के प्लास्टिक उत्पाद शामिल हैं. वर्ष 2019-20 में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 81.6 अरब डॉलर का हुआ था जिसमें से चीन से आने वाला माल यानी आयात करीब 65.26 अरब डॉलर का था.
चीन की चाल अब नहीं चलेगी - CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल कहते हैं, 'साल 2001 में चीन से होने वाला आयात सिर्फ 2 अरब डॉलर का था. लेकिन पिछले 20 साल में यह बढ़कर करीब 70 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यानी इसमें 3500 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई है. इससे पता चलता है कि उन्होंने भारत के खुदरा बाजार पर कब्जे की कितनी सोची-समझी रणनीति बनाई है.'