इंसान को अंदर से खोखला कर देता है डिप्रेशन

                                                 इसके लक्षण और बचने का तरीका 


     बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह ने अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक सुशांत लंबे वक्त से डिप्रेशन से जूझ रहे थे। सुशांत के इस कदम ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हर कोई ये सोच रहा है आखिर ऐसी कौन सी वजह थी जो इस सफल अभिनेता को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी। क्या होता है डिप्रेशन, इसके लक्षण और बचाव के तरीके। 


                                                          क्या होता है डिप्रेशन?


     खुशी और दुख जिंदगी के दो अहम पहलू हैं। हर कोई चाहता है कि उसकी जिंदगी में खुशियां हमेशा बरकरार रहे लेकिन ऐसा होना मुनासिब नहीं है। दुख और खुशी दोनों जिंदगी में हवा के झोंके की तरह आते हैं। जिंदगी में खुशियां जितनी हों उतनी ही कम लगती हैं लेकिन दुख की एक छाया भी इंसान को अंदर तक तोड़ कर रख देती है। किसी भी इंसान का दुख, पीड़ा या फिर बुरा महसूस करना लंबे वक्त तक अमूमन डिप्रेशन कहलाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में बीमारियों का सबसे बड़ा कारण डिप्रेशन ही है। खास बात ये है कि डिप्रेशन का शिकार सिर्फ वयस्क ही नहीं बल्कि कम उम्र के बच्चे भी हैं। 


 



  •                                                          डिप्रेशन के लक्षण
    हमेशा उदास रहना
    अकेले बैठने का मन करना
    रोशनी से चिढ़ना, अंधेरे में बैठने का मन करना
    जिन कामों को करने में आनंद आता था उनमें रुचि खत्म होना
    मन शांत न रहना, हमेशा बेचैनी रहना
    दिमाग कम चलना
    समझ में न आना क्या सही है क्या गलत
    खुद को बेकार समझना यानि कि दूसरों की तुलना में खुद को कुछ नहीं समझना
    फैसला लेने में दिक्कत आना
    खुदकुशी का ख्याल बार-बार आना


                                                         डिप्रेशन से बचाव के तरीके
     डिप्रेशन किसी भी इंसान को अंधेरे में धकेल देता है। ऐसे में अगर आप किसी भी व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण को देख रहे हैं तो उसका समाधान तुरंत करना बहुत जरूरी होता है। ऐसा नहीं होने पर वो व्यक्ति दुनिया के लिए तो जिंदा रहेगा लेकिन अंदर ही अंदर हर दिन वो खत्म हो रहा होता है। इसलिए आप इन उपायों को अपनाकर डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति की मदद करके उसे दोबारा जिंदगी की लय में लौटा सकते है। 




  • तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें। 
    डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी अकेला न छोड़ें।
    परिवार और दोस्तों का साथ, कभी भी आपको अकेलापन महसूस नहीं होने देगा।
    आसपास खुशनुमा माहौल बनाना
    हमेशा किसी न किसी काम में पीड़ित को व्यस्त रखना