सोशल डिस्टेंसिंग के कारण संभव नहीं है सभी सांसदों का सदन में साथ बैठ पाना

                                                मानसून सत्र : विकल्पों पर मंथन जारी 


     कोरोना संक्रमण के बीच लोकसभा की मानसून सत्र अपने तय समय से शुरू होगा। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के बैठने की व्यवस्था में मुश्किलें आ रही हैं। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस समस्या का हल निकालने में जुटे हैं।


     सूत्रों के मुताबकि, वैंकेया नायडू और ओम बिरला ने मंगलवार को मानसून सत्र को सुचारू तौर पर चलाने के लिए उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा की। दोनों सदनों के सेक्रेटरी जनरल ने वेंकैया नायडू द्वारा बुलाई गई बैठक में विचाराधीन विभिन्न विकल्पों पर पीठासीन अधिकारियों को जानकारी दी।



     सेक्रेटरी जनरल ने दोनों सदनों, संसद के सेंट्रल हॉल और विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में बैठने की क्षमता के बारे में सूचना दी। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने सूचित किया कि राज्यसभा के चैंबर में लगभग 60 लोग बैठ सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के अनुसार लोकसभा चैंबर और सेंट्रल हॉल 100 के करीब सदस्यों के लिए पर्याप्त है।


     उन्होंने आगे कहा कि यदि सदस्यों के बैठने की व्यवस्था गैलरी में भी की जाती है तो भी बैठने की कुल क्षमता आवश्यकता से बहुत कम होगी। सभी सदस्यों को दोनों सदनों में बिठाना संभव नहीं हो पाएगा। दो वरिष्ठ अधिकारियों ने नायडू और बिड़ला को जानकारी देते हुए कहा कि विज्ञान भवन का प्लेनरी हॉल भी लोकसभा के सभी सदस्यों के लिए पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा है कि पीठासीन अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि सेंट्रल हॉल में दिन के दौरान एसी की सुविधा नहीं होने से दिक्कत आएगी।