कोरोना वायरस के कारण सावन की अदभुत छटा के साथ मशहूर भारत विख्यात द्वारकाधीश मंदिर में श्रद्धालु इस बार सावन में सोने चांदी के विशालकाय झूले में ठाकुर के झूलन का मनोहारी दृश्य नहीं देख सकेंगे। सावन कल सोमवार से शुरू हो रहा है। जिस प्रकार ब्रज और सावन एक दूसरे के पयार्य हैं, और ब्रज के बिना सावन की कल्पना नही की जा सकती, उसी प्रकार उसी प्रकार ब्रज का सावन ऐसे नये कलेवर के साथ आता है कि यहां आनेवाला श्रद्धालु भाव विभोर हो जाता है।
द्वारकाधीश मंदिर का सावन तो निराला होता है। इस मंदिर के विशालकाय सेाने चांदी के हिंडोले, नित नयी बदलती घटाएं मंदिर के वातावरण को सावन की माला में ऐसा पिरो देते हैं कि व्रज में आनेवाला हर भक्त इस अदभुत छटा को देखने को लालायित रहता है। कोरोना वायरस के संक्रमण में तेजी आने की आशंका से ब्रज के दो मंदिर द्वारकाधीश मंदिर एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान को छोड़कर बाकी सभी मंदिर तीन महीने से अधिक समय से बन्द हैं।
सरकार द्वारा मंदिरों को खोलने की हरी झंडी देने के बावजूद ब्रज के बाकी मंदिर इसलिए बंद हैं कि इन मंदिरों के सेवायतों/व्यवस्थापकों ने मंदिर के अन्दर आनेवाली भीड़ को रोकने एवं सामाजिक दूरी को बनाये रखने में असमर्थता व्यक्त कर दी है। राधारमण मंदिर की प्रबंध समिति के सचिव पद्मनाभ गोस्वामी का कहना है कि वे नही चाहते कि मंदिरों के कारण ही ब्रज में करोना का संक्रमण तेज हो।
द्वारकाधीश मंदिर के सावन का प्रमुख आकर्षण इसमें सवा महीने तक पड़नेवाले सोने चांदी के हिंडोले होते हैं। मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि तृतीय पीठाधीश्वर कांकरौली नरेश गोस्वामी ब्रजेश कुमार के आदेशानुसार मंदिर में इस बार सोने चांदी के हिंडोले नही डाले जाएंगे।