अफगान सिख निदान सिंह जिनको पिछले महीने तालिबानी आतंकियों ने किडनैप कर लिया था और हाल ही में उनको छोड़ा है, वह रविवार को अपने परिवार के साथ दिल्ली पहुंचे। भारत पहुंचने पर उन्होंने अपहरणकर्ताओं की बर्बरता को बताया और अपनी मातृभूमि पर वापस आने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया।
पाकिस्तान समर्थित तालिबान से खतरों का सामना करते हुए, अफगानिस्तान से सिख समुदाय के ग्यारह सदस्य, जिन्हें काबुल में भारतीय दूतावास द्वारा अल्पकालिक वीजा प्रदान किया गया था, जिनमें सचदेवा भी शामिल थे, जिन्हें पिछले महीने पाक के एक गुरुद्वारे से अगवा किया गया था, आज दोपहर दिल्ली पहुंचे।
भारत लौटने के बाद सचदेवा ने कहा कि मुझे नहीं पता कि हिन्दुस्तान को क्या कहा जाए, चाहे वह मेरी मां हो या मेरे पिता- हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान है। मुझे गुरुद्वारे से अपहरण कर लिया गया था और 20 घंटे बाद मैं खून से लथपथ था। मैं एक पेड़ से बंधआ हुआ था। वे मुझे मारते थे और मुस्लिम बनने के लिए फोर्स करते थे।
मैंने उनसे बार-बार कहा कि मुझे धर्म क्यों बदलना चाहिए, मेरा अपना धर्म है। निदान सिंह ने भारत का धन्यवाद भी किया। निदान ने कहा कि मेरे पास अपनी बात कहने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं बहुत संघर्ष के बाद यहां पहुंचा। वहां, भय का माहौल व्याप्त है। गुरुद्वारे में हम सुरक्षित हो सकते हैं लेकिन उसके बाहर तो एकदम नहीं।