पाकिस्तान में जर्जर हाल में 102 साल पुरानी कपूर हवेली, गिराने की मांग

     पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित कपूर खानदान की ऐतिहासिक विरासत पर खतरा मंडरा रहा है. शो मैन राज कपूर और पृथ्वीराज कपूर के जन्म की गवाह बनी कपूर हवेली को गिराया जा सकता है. पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में स्थित 1918 से 1922 के बीच बनकर तैयार हुई ये हवेली 102 साल पुरानी है. हवेली का मौजूदा मालिक इस बात पर अड़ा है कि वो हवेली को गिराकर यहां एक कमर्शियल कॉम्पलेक्स खड़ा करना चाहता है. इससे पहले भी इस हवेली की कमजोर और जर्जर हालत को देखते हुए इसे गिराने की कोशिश की जा चुकी है.



     2018 में पाकिस्तान सरकार ने ऋषि कपूर की अपील पर इस हवेली को म्यूजिम में तब्दील करने का फैसला लिया था. तब वहां के विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया था कि वे इस हवेली को म्यूजियम में बदलेंगे. लेकिन ऐसा अभी तक हो ना सका. हवेली के आसपास के लोगों का कहना है कि ये अब भूत बंगले में बदल चुकी है. कमजोर पड़ने के कारण ये हवेली कभी भी गिर सकती है. फिलहाल हवेली के मालिक हाजी मोहम्मद इशरार हैं.  जो कि बड़े ज्वैलर हैं. वे 3-4 बार हवेली की गिराने की कोशिश कर चुके हैं. लेकिन खैबर पख्तूनवा हेरिटेज डिपार्टमेंट की तरफ से उनके खिलाफ FIR दर्ज होने की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाए.


     प्रांत की सरकार अभी तक हवेली को म्यूजियम में तब्दील नहीं कर पाई. इसकी वजह सरकार और हवेली के मालिक के बीच पैसों को लेकर विवाद है. हालांकि इशरार ने ऐसे किसी भी विवाद से मना किया है. इस हवेली की ऐतिहासिक महत्वता को देखते हुए सरकार इसे खरीदना चाहती है, ताकि इसे टूरिस्टों के लिए खोला जा सके. लेकिन मोहम्मद इशरार इसे गिराकर यहां कमर्शियल कॉम्पलेक्स बनाने की जिद पर अड़े हैं.


     कपूर हवेली को 1918 में पृथ्वीराज कपूर के पिता बसेश्वरनाथ कपूर ने बनवाया था. 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद कपूर परिवार इस हवेली को छोड़कर मुंबई में बस गया था. बाद में  पाकिस्तान सरकार ने कपूर खानदान की इस धरोहर को कल्चरल हेरिटेज का दर्जा देने का फैसला किया था. 1990 मे शशि कपूर, रणधीर कपूर के साथ इस हवेली को देखने पेशावर गए थे. 20 साल पहले आए भूकंप के बाद हवेली की इमारत कमजोर पड़ गई थी. जिसके बाद हवेली की ऊपरी तीन मंजिलों को गिरा दिया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अभी हवेली में 60 कमरे हैं.