फ्रांस से राफेल की डिलीवरी मिलते ही मोर्चे पर उतारने की तैयारी

     चीन से बढ़ते तनाव के बीच एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया टॉप एयरफोर्स कमांडरों के साथ अहम बैठक करने जा रहे हैं. दो दिनों की इस अहम बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात का जायजा लिया जाएगा. इसके अलावा इस बैठक में जुलाई अंत तक देश आ रहे राफेल विमानों को वायुसेना में ऑपरेशनल स्तर पर लाने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जाएगा. अब तक के आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक राफेल के एयरफोर्स में शामिल होने से भारतीय वायुसेना को पड़ोसी देशों के मुकाबले बढ़त मिलेगी. इसके अलावा इस तैनाती का दक्षिण एशिया में मनोवैज्ञानिक असर भी होगा.



     राफेल दुश्मनों पर हमला करने के आधुनिक सिस्टम से लैस है. वायु सेना देश के उत्तरी बॉर्डर पर सुखोई-30 और मिराज- 2000 के साथ राफेल को भी तैनात करने पर विचार कर रही है. राफेल के सेना में शामिल होने से भारत की लंबी दूरी की मारक क्षमता में इजाफा होगा.