पीएम मोदी से मांग, वरशिप एक्ट खत्म कर तोड़े गए मंदिर वापस दिलाएं - वसीम रिजवी

     शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 को खत्म कर पुराने तमाम तोड़े गए मंदिरों को हिंदुओं को वापस देने और मुगलों के पहले की स्थिति बहाल करने की मांग की है. बता दें कि मथुरा में एक बार फिर कृष्ण जन्मभूमि से सटे ईदगाह मस्जिद को खाली करने की मांग उठने लगी है और बाकायदा इस बारे में एक याचिका स्थानीय अदालत में दी गई है.



     रिजवी ने पत्र में लिखा है कि 1991 में कांग्रेस पार्टी की सरकार में 'द प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट, 1991' बनाया गया जिसमें यह कानून बना दिया गया कि 1947 के बाद जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनकी यथास्थिति बहाल रहेगी. ऐसे धार्मिक स्थलों का स्वरूप बदलने के लिए किसी भी तरह का कोई वाद किसी भी न्यायालय में दाखिल नहीं किया जा सकेगा. इस अधिनियम से अयोध्या के राम मंदिर प्रकरण को अलग रखा गया था.


     रिजवी ने आगे लिखा है, 'द प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट, 1991' एक विवादित अधिनियम है जो किसी एक धर्म के अधिकार और धार्मिक संपत्ति जो उनसे मुस्लिम कट्टरपंथी मुगल शासकों ने ताकत के बल पर छीन कर उस पर अपना धार्मिक स्थल (मस्जिद) बनवा दिए थे. वह सभी प्राचीन धार्मिक स्थल (मंदिर) भारतीय हिंदू धर्म के मानने वाले लोगों के थे. ये धार्मिक स्थल उन्हें वापस न मिलने पाए, इस अन्याय को सुरक्षा प्रदान करता है जो कि किसी एक धर्म विशेष के धार्मिक अधिकारों और धार्मिक संपत्तियों का हनन है.


     इसी के साथ वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री मोदी से प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 को खत्म कर पुराने तमाम तोड़े गए मंदिरों को हिंदुओं को वापस देने और मुगलों के पहले की स्थिति बहाल करने की मांग की है.