रोहिंग्या मुसलमान ----

     लगभग सारे ही न्यूज़ चैनलों पर रोहिंग्या मुसलमानों की दुर्दशा दिखाई जा रही है। चौदह साल की लड़की आँखों में मोटे मोटे आँसू लिए न्यूज़ चैनलों वालों से कहती है बहुत भटक चुके, अब हम कहीं नहीं जायेंगे। अब भारत सरकार हमें खुद अपने हाथों से मार दे और इतना कहकर फूट फूटकर रो पड़ती है। समाचार चैनल वाला व्यक्ति उसके आंसुओं पर पिघल जाता है, आपका मन भी द्रवित हो जायेगा


      पर मुझे कोई दया नहीं आई। आज अगर इसके आंसुओं पर चले गए तो कल को भारत के सारे हिन्दू, सिख, ईसाई और पारसी रोयेंगे। रोहिंग्या मुसलमानों के रूप में ISIS को हमने शरण दे दी है। अभी शरणार्थी हैं, कल कहेंगे भारत सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं है, हमारा भी है। फिर एक दिन कश्मीर जैसा खेल खेला जायेगा और हिन्दू नाम की प्रजाति हिंदुस्तान से विलुप्त हो जायेगी।


    जिन लोगों को इनकी दशा देखकर दया आ रही है उन्हें मैं एक छोटा सा उदाहरण दे दूँ। पाकिस्तान से भागकर आये अनेकों हिन्दू भारत की नागरिकता के लिए भटक रहे हैं।कश्मीर में इनकी घुसने की हिम्मत नहीं है। कश्मीरी मुसलमानों ने साफ कर दिया है कि अगर इन्हें नागरिकता दी गयी तो एक बार फिर भयंकर कत्लेआम मचेगा और फिर हिन्दू जम्मू और काश्मीर से हमेशा के लिए साफ हो जायेंगे।


     इन्होंने सिर्फ धमकी ही नहीं दी बल्कि करके भी दिखा दिया। आठ हिन्दू परिवार कश्मीर के रास्ते हिंदुस्तान पहुंचा। इन आठों परिवार के पुरुषों को निर्मम मौत दी गयी और बच्चों और महिलाओं को पाकिस्तान वापस जाने को कहा गया। पहले तो उस कैमरामैन को पटककर मारना चाहिए जो रोहिंग्या मुसलमानों के आंसू दिखाने पहुंच गया। ये भारत में बगैर नागरिकता के भटक रहे हिन्दू शरणार्थियों की दीन  दशा को क्यों नहीं दिखाता?बहुत से लोग तर्क दे रहे हैं कि अगर रोहिंग्या मुसलमानों को बसाना ही है तो हिन्दू बनाकर क्यों न बसाया जाये.... कितनी अदूरदर्शिता पूर्ण बात है.. अभी ये नाजुक अवसर देखकर हिन्दू धर्म ग्रहण कर लेंगे....लव जिहाद फैलाएंगे और मामला शांत होते ही फिर मुस्लिम बन जाएंगे और इस्लाम को बुलन्द करने लग जायेंगे।


     इनकी धार्मिक किताब में भी लिखा है इस्लाम को फैलाने की राह में तुम्हे कुछ भी करना पड़े, खुदा को सब मंजूर होगा। जब रमजान के महीने में काफ़िर की हत्या को भी शबाब मान लिया गया है तो नकली हिन्दू बनना कौन सी बड़ी बात है।


writer - Arvind Saxena