यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में “वर्चुअल लैब्स” पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन

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यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी जयपुर एवं वर्चुअल लैब, आईआईटी दिल्ली के बीच एमओयू हस्ताक्षरित

     जयपुर। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ,वाटिका, जयपुर के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा आईआईटी दिल्ली के सहयोग से “वर्चुअल लैब्स” पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यशाला शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की पहल राष्ट्रीय मिशन ऑन एजुकेशन थ्रू आईसीटी के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य शिक्षण–अधिगम प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी एवं समृद्ध बनाना है। 

     वर्चुअल लैब आईआईटी दिल्ली और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर के बीच एक एमओयू हस्ताक्षरित किया गया, जिसके अंतर्गत यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी को वर्चुअल लैब आईआईटी दिल्ली का नोडल सेंटर घोषित किया गया। इस पहल के माध्यम से विश्वविद्यालय के विद्यार्थी वर्चुअल लैब्स का उपयोग कर देश–विदेश में कहीं से भी, कभी भी अपने-अपने विषयों के प्रयोग एवं प्रैक्टिकल्स कर सकेंगे।

     कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रश्मि जैन ने की। कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन छात्रा तनिषा मीणा ने किया, जिसका समन्वयन सुश्री प्रतिभा वशिष्ठ ने किया। संस्थान के नोडल समन्वयक डॉ. सागर कुमार ने वर्चुअल लैब्स की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

      इस अवसर पर कुलपति डॉ. रश्मि जैन ने कहा कि –“ऐसे आयोजन आधुनिक शिक्षा में सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव के बीच की दूरी को कम करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होते हैं। यह एमओयू विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की पहल के लिए अत्यंत उपयोगी है। ग्रामीण परिवेश के छात्र इससे काफी लाभान्वित होंगे।"

     मुख्य वक्ता के रूप में शिवम यादव (सीनियर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, आईआईटी दिल्ली) एवं शनि कुमार (सीनियर एक्जीक्यूटिव ट्रेनर) ने वर्चुअल लैब्स के उपयोग तथा तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने में इसकी भूमिका पर डेमोन्स्ट्रेशन प्रस्तुत किया।उसके उपरांत छात्र छात्राओं को वर्चुअल लैब के बारे में कंप्यूटर पर प्रशिक्षण दिया गया |

     प्रो-प्रेसिडेंट डॉ. अंकित गांधी ने अपने उद्बोधन में कहा कि – “डिजिटल युग में वर्चुअल लैब्स जैसी तकनीकें विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक शिक्षा के नए अवसर प्रदान करती हैं। यह कार्यशाला न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी, बल्कि छात्रों में नवाचार और अनुसंधान की भावना को भी प्रोत्साहित करेगी।

     विश्वविद्यालय के वाइस चेयरपर्सन डॉ. अंशु सुराना ने प्रतिभागियों, विशेषज्ञों एवं आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि – “वर्चुअल लैब्स जैसी पहल छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ नवीन तकनीकी अनुभव प्रदान करती है। यह कार्यशाला विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और शोध-क्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। यूनिवर्सिटी में भविष्य में भी ऐसे सार्थक शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे। 

     वर्चुअल लैब आईआईटी दिल्ली के साथ एमओयू नई शिक्षा नीति (NEP-2020) की डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल लैब्स से ग्रामीण एवं दूरदराज़ के विद्यार्थियों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा, क्योंकि उन्हें महंगे उपकरणों और प्रयोगशालाओं की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता तथा पहुंच दोनों को सशक्त करेगा।

     कार्यशाला में संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में अभिनव शिक्षण-अधिगम पद्धतियों को बढ़ावा मिला।

     धन्यवाद ज्ञापन डॉ सागर कुमार द्वारा किया गया | कार्यशाला आयोजन में सुश्री प्रतिभा वशिष्ठ, सुश्री निकिता चौधरी, राजेश जाटोलिया, विजेंद्र विजानिया, राहुल विजय, वेदप्रकाश, आयुष गुप्ता, सुश्री ज्योति चौहान, सुश्री हिमांशी श्रीवास्तव, दिनेश, कंचन, सुनीता में शामिल रहे। 

     इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनूप शर्मा, उपकुलसचिव नरेश अरोड़ा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. कमल किशोर जांगिड़, एडमिशन प्रभारी राहुल विजय, डॉ मोनिका शर्मा, डॉ एस एस यादव, समस्त डीन, विभागाध्यक्ष एवं संकाय सदस्य, छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।