सरकार के ऑर्डर पर स्कूल, टीचर और अभिभावक तीनों आपस मे लड़ रहे हैं
संयुक्त अभिभावक समिति की जनता से अपील "राजनीतिक दलों का करे बहिष्कार, निर्दलीय प्रत्याशियों को विजयी बनाये"
जयपुर। स्कूल फीस मुद्दे को लेकर संयुक्त अभिभावक समिति ने राज्य सरकार पर " फूट डालो-राज करो " कि नीति पर कार्य कर प्रदेश के अभिभावकों, स्कूल संचालकों और टीचरों को आपस मे लड़ने पर मजबूर करने का आरोप लगाया है। समिति प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू और सदस्य मनोज जसवानी ने बताया कि बुधवार को राज्य सरकार ने स्कूल फीस मुद्दे पर जो ऑर्डर जारी किया है, उससे ना केवल स्कूल संचालक कन्फ्यूजन में हैं बल्कि अभिभावक भी अत्यधिक कन्फ्यूजन मे आ गए है हालांकि यह आदेश अंतरिम आदेश है. जिसे हाईकोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार सरकार द्वारा गठित समिति ने रिपोर्ट तैयार कर सरकार तक भेजा था.
इस रिपोर्ट ने संयुक्त अभिभावक समिति के अधिवक्ता अमित छंगाणी ने समिति की ओर से 25 फीसदी फीस वसूलने का सुझाव दिया था. जिसे समिति ने पूरी तरह से नकार दिया और अभिभावकों पर स्लेबर्स के अनुसार फीस वसूलने का प्रस्ताव सरकार को भेज कर प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक अभिभावकों के साथ छलावा किया है।
समिति प्रवक्ता अरविंद अग्रवाल और मनोज शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि " सरकार ने जो आदेश दिया है वह ना केवल अभिभावकों के साथ छलावा है बल्कि स्कूल संचालकों के साथ भी छलावा है. इस आदेश से स्कूल और अभिभावकों में दूरियां बढ़ेगी, घटेगी नही। संयुक्त अभिभावक समिति के अनुसार जितना स्कूल संचालको का सम्मान होना चाहिए उतना ही सम्मान अभिभावकों का होना चाहिए। सरकार के आदेश में स्कूलों का तो सम्मान बरकरार रखा गया है जबकि आदेश में अभिभावकों का सम्मान शून्य है।
जनता से अपील राजनीतिक दलों का करे बहिष्कार, निर्दलीय प्रत्याशियों का करे समर्थन --
संयुक्त अभिभावक समिति सदस्य युवराज हसीजा ने बताया कि संयुक्त अभिभावक समिति ने इस बार नगर निगम चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के बहिष्कार की घोषणा के साथ जयपुर नगर निगम हैरिटेज के 11 वार्ड प्रत्याशी और ग्रेटर के 32 वार्ड प्रत्याशियों को खुला समर्थन किया है। जिसके लिए समिति ने सभी वार्डो में वार्ड प्रत्याशियों के समर्थन पत्र देकर अभिभावकों से निर्दलीय प्रत्याशियों को जिताने की अपील की है। जिन वार्डो में समिति ने समर्थन नही दिया है वहां नोटा के उपयोग की अपील की है।