News from - P.C. BHANDARI (Advocate)
पब्लिक अगेंस्ट corruption की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में जस्टिस सबीना एवं जस्टिस सी के सोनगरा की बेंच ने शिकायत पर कार्यवाही न किये जाने पर ACB के महानिदेशक से 2 फरवरी तक जबाब माँगा है. पब्लिक अगेंस्ट corruption के अधिवक्ता श्री पूनम चंद भंडारी एवं डॉ टी एन शर्मा ने न्यायालय को बताया की राज़कॉम्प् ने 2017 मे वाई-फाई प्वाइंट स्थापित करने के लिए टेंडर किया. जिसका शुरुआत मे मूल्य 160 करोड़ रखा गया एवं बाद मे मिलीभगत कर इसे बढ़ा कर 240 करोड़ रुपये कर दिया गया.
याचिका मे बताया गया की कुल 17750 वाई-फाई प्वाइंट स्थापित करने के लिए कुल भुगतान का 60 प्रतिशत एवं 1750 प्वाइंट का 90% कुल लगभग 150 करोड़ का भुगतान बिना सामान को कब्जे मे लिए ही केवल supply करने वाले वेन्डर के गोदाम मे माल आने पर 2018 मे कर दिया गया. अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से 17750 मे से केवल 1632 प्वाइंट की कार्य कर रहे है. इस प्रकार लगभग 150 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया.
ज्ञातत्व है की इस प्रोजेक्ट के प्रभारी अधिकारी कुलदीप यादव के यहां पहले भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो का छापा पड़ चुका है. उसने 6 साल की नोकरी में पांच करोड़ की सम्पत्ति बनाई एवं अकूत संपत्ति बरामद की जा चुकी है. याचिका कर्ता ने जून 2020 मे भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत की मगर कोई कार्यवाही नही की गई. सुनवाई के बाद न्यायालय ने AAG राजेंद्र यादव के जरिये भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो के महा निदेशक से 2 फरवरी 2021 तक जबाब माँगा है. न्यायालय ने मौखिक रूप से कहा कि पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बीड़ा उठा रखा है।