लाइव ई-क्लास का स्वागत किन्तु व्यवस्थाएं तो सुनिश्चित करे सरकार

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन तक नही, तो बच्चे यूट्यूब पर कैसे लाइव क्लास अटेंड करेंगे?

     जयपुर। एक तरफ स्कूल फीस को लेकर लगातार विवाद गहराता जा रहा है. वही दूसरी तरफ अब पढ़ाई को लेकर भी कुछ तथ्य है जो बाहर निकलकर आ रहे है। सोमवार को राजस्थान सरकार ने ई-क्लास तो लॉन्च कर दी लेकिन यह सुनिश्चित नही किया कि यह ई-क्लास बच्चों तक कैसे पहुंचेगी? हालांकि पढ़ाई को लेकर राज्य सरकार के ई-क्लास का स्वागत संयुक्त अभिभावक संघ ने किया लेकिन कुछ संशय है जिस पर राज्य सरकार से सवाल किए।

     संघ कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा और संगठन मंत्री चन्द्रमोहन गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने सोमवार से कक्षा 6 से 12 तक के बच्चे को लिए यूट्यूब के माध्यम से ई-क्लास लॉन्च की है, जो वर्तमान स्थिति को देखकर उचित निर्णय तो हो सकता है लेकिन यह व्यवस्था बच्चो तक कैसे सुनिश्चित की जाएगी, उसकी जानकारी नही दी गई है। जबकि हकीकत देखे तो देश और प्रदेश के हालात ऐसे है कि आबादी के 30 फीसदी बच्चो तक पहले ही शिक्षा कोसो दूर है और जो बच्चे सरकारी स्कूलों में व ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ रहे है उनके व उनके अधिकतर अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन तक नही है ऐसी स्थिति में बच्चों को कैसे शिक्षा प्राप्त होगी?

     महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि राज्य सरकार को वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सर्वप्रथम बच्चों तक यह व्यवस्था कैसे पहुंचेगी? उस व्यवस्था पर भी ध्यान देना चाहिए। आज भी देश मे इंटरनेट की स्थिति दयनीय है. जयपुर जैसे शहरों में ही इंटरनेट की व्यवस्था बहुत जटिल है तो हम गांवों और ढाणियों तक शिक्षा पहुंचाने की बात कर रहे जो बेहद जटिल परिस्थिति है। ई-क्लास को लॉन्च करने के साथ - साथ राज्य सरकार को गरीब बच्चों और उनके अभिभावकों पर भी ध्यान देना चाहिए, जो पढ़ाई तो चाहते है किंतु व्यवस्था ना होने के चलते निराशा झेलने पर मजबूर हो जाते है। अगर राज्य सरकार पहल करें तो सभी गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए निःशुल्क टेब उपलब्ध करवाने चाहिए। सरकार इस व्यवस्था पर ध्यान आकर्षित करती है तो बच्चों और अभिभावकों को काफी हद तक राहत मिलेगी और पढ़ाई सुनिश्चित भी होगी।