संयुक्त अभिभावक संघ स्कूल फीस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन को वापस देंगा ज्ञापन, सुनवाई नही हुई तो देंगे धरना

संघ ने कहा " निजी स्कूल संचालक धरने का प्रोपोगड़ा कर अभिभावकों को गुमराह कर उनकी एकता को तोड़ने की साजिश रच रहे है "

     जयपुर। स्कूल फीस मुद्दे को लेकर लगातार विवाद गहराता जा रहा है एक तरफ अभिभावक है जो पिछले 7-8 महीनों से स्कूल, प्रशासन और सरकार से राहत की भीख मांग रहे है, वही दूसरी तरफ निजी स्कूल संचालक है जो झूठ के प्रोपोगडे के सहारे ना केवल सरकार को गुमराह कर रहे है बल्कि अभिभावकों के साथ भी खिलवाड़ कर बच्चो के भविष्य से भी खिलवाड़ कर शिक्षा के मंदिरों को व्यापार का केंद्र प्रदर्शित करने पर उतारू है यह कहना है संयुक्त अभिभावक संघ का।

     संयुक्त अभिभावक संघ प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि " पिछले 8 महीनों में देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री सहित प्रमुख राजनीतिक दलों को 100 से अधिक बार ज्ञापन दिए जा चुके है लेकिन किसी का भी कोई जवाब नही आया। अब शुक्रवार को एक बार पुन: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, राजस्थान के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा अधिकारी, जयपुर जिलाधीश आदि सहित प्रिंसिपल सेकेट्री शिक्षा विभाग को ज्ञापन दिया जाएगा। ज्ञापन के माध्यम से सभी से अपील कर समय का अळिटमेटम दिया जाएगा. उसके बाद संयुक्त अभिभावक संघ और अभिभावकों द्वारा धरना देकर अपना विरोध दर्ज करवाएगा।


हर बार अभिभावकों को हटाया, निजी स्कूल संचालकों को धरना-प्रदर्शन की अनुमति कैसे, क्या राज्य में अभिभावकों के लिए अलग से कानून है ?

     संयुक्त अभिभावक संघ मंत्री युवराज हसीजा और मनोज जसवानी ने कहा कि राज्य में ये कैसी कानून व्यवस्था है, अभिभावक पीड़ित, प्रताड़ित और अपमानित होने के बाद अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए सरकार से मांग भी नही कर सकता। पिछले 8 महीनों में जब भी अभिभावकों ने अपना विरोध दर्ज करवाना चाह तो प्रशासन ने कोरोना महामारी और मुकदमों का डर दिखाकर प्रदर्शन करने नही दिया जबकि अब वही निजी स्कूल संचालक धरने प्रदर्शन कर रहे है तो उनको सरकार और प्रशासन से खुली छूट दी गई है। क्या राज्य में प्रताड़ित आम जनता के लिए अलग से कानून है ?, क्या अब राज्य में केवल स्कूल व्यापारियों और माफियाओ को ही धरने-प्रदर्शन करने की अनुमति रहेगी या अभिभावकों को भी न्याय मिलेगा। आज जिस प्रकार निजी स्कूल संचालक धरने का प्रोपोगड़ा रचकर केवल अभिभावकों को गुमराह ही नही कर रहे है बल्कि यह लोग सरकार का संरक्षण प्राप्त कर अभिभावकों की एकता को भी तोड़ने की साजिश रच रहे है जिससे अभिभावकों की आवाज को दबाई जा सके। 

संयुक्त अभिभावक संघ की प्रदेशस्तरीय कार्यकारिणी का हुआ चुनाव

     संयुक्त अभिभावक संघ ने बुधवार को संगठन का विस्तार करते हुए प्रदेशस्तरीय नवीन कार्यकारिणी का चयन किया। अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और महामंत्री संजय गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को संघ की एजीएम बैठक बुलाई गई थी, जिसमे 11 सदस्य फिजिकल उपस्थित रहे और 7 सदस्य वेच्युवल उपस्थिति दर्ज करवाकर बैठक में उपस्थित हुए। प्रदेश में अभिभावकों की आवाज को ओर मजबूत करने के लिए एजीएम के सभी सदस्यों का कार्यकारिणी में चयन सर्वसम्मति के साथ किया गया, जिसमें सभी 18 पदाधिकारीयों का चयन कार्यकारिणी में किया गया। पूर्व में संघ की कार्यकारिणी में 7 सदस्य थे जिसको मंगलवार की बैठक में संगठन विस्तार करते हुए एजीएम की सहमति के साथ सभी का चयन कर कार्यकारिणी विस्तार किया गया। जल्द ही संगठन में दूसरा विस्तार करते हुए राज्य के प्रत्येक जिलों में संगठन को खड़ा किया जाएगा। 

कार्यकारिणी में इनका हुआ चयन

     अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज शर्मा, महामंत्री संजय गोयल, कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा, लीगल सेल अध्यक्ष अधिवक्ता अमित छंगाणी, सदस्य एडवोकेट खुशबू शर्मा, मंत्री युवराज हसीजा, मनोज जसवानी (जयपुर), नीलेश बल्दवा (चितौड़गढ़), संगठन मंत्री मनमोहन सिंह, चंद्रमोहन गुप्ता, सांस्कृतिक मंत्री एवं महिला प्रभारी श्रीमती अम्रता सक्सेना और श्रीमती दौलत शर्मा, प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन बिट्टू, कार्यकारिणी सदस्य हर्षित अग्रवाल (भरतपुर), राजेन्द्र भवसार (भीलवाड़ा), भूपेंद्र कुमार (दौसा), ईशान शर्मा (जयपुर) को प्रथम विस्तार के तहत कार्यकारिणी में आम सहमति के बाद घोषित किये गए है।

प्रदेश में अभिभावकों को एकजुट करने और संगठन को आगे बढ़ाने के लिए सातों संभाग प्रभारी नियुक्त

     अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में अभिभावकों के संघर्ष को ओर मजबूत करने एवं अभिभावकों की एकजुटता को मजबूत करने के लिए प्रदेश के सातों संभागों के पदाधिकारी भी नियुक्त किये जिसमे अभिषेक जैन बिट्टू जयपुर, मनोज शर्मा जोधपुर, मनोज जसवानी अजमेर, नीलेश बल्दवा उदयपुर, युवराज हसीजा कोटा, मनमोहन सिंह बीकानेर और चन्द्रमोहन गुप्ता को भरतपुर संभाग की जिम्मेदारी दी गई है।