देश एक-कानून अनेक, दिल्ली और मध्य प्रदेश में स्कूल 31 मार्च तक बंद तो राजस्थान में क्यो नही - अभिभावक संघ

अभिभावकों का धरना पांचवे दिन भी जारी रहा 

पूर्व विधायक अमराराम चौधरी, उदयपुर बार एसोसिएशन, उदयपुर अधिवक्ता अभिभावक संघ, आल महेश्वरी स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन आदि संगठनों का भी मिला साथ

      जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ का स्कूल फीस मुद्दे लगातार पांचवे दिन भी धरना जारी रहा, शुक्रवार को शहीद स्मारक स्थल, गवर्नमेंट हॉस्टल पर बड़ी संख्या में अभिभावक एकजुट हुए जिसमे जयपुर में संचालित सभी अभिभावक संगठन एक मंच पर आए। शनिवार को पूर्व विधायक अमराराम चौधरी, उदयपुर बार एसोसिएशन, उदयपुर अधिवक्ता अभिभावक संघ सहित सभी महेश्वरी स्कूलों की पेरेंट्स एसोसिएशन का भी साथ संयुक्त अभिभावक संघ को प्राप्त हुआ। 

     शनिवार को धरना स्थल पर हरीश कुमार सुहालका संयोजक राजस्थान अभिभावक संघ (उदयपुर), पुनीत शर्मा अध्यक्ष आल महेश्वरी स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन, अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा, लीगल सेल अध्यक्ष अमित छंगाणी, मुख्य प्रवक्ता मनीष विजयवर्गीय, प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, सदस्य संजय शर्मा, विकास अग्रवाल सहित अन्य अभिभावक उपस्थित रहे। महामंत्री संजय गोयल और संगठन मंत्री चंद्रमोहन गुप्ता ने बताया कि देश हो प्रदेश सभी जगह शिक्षा का मजाक बनाकर पेश किया हुआ है। जिसकी जैसी सत्ता होती वह शिक्षा को उसी प्रकार थोपते है जबकि वर्तमान दौर में कोरोना महामारी अपने विकराल स्वरूप में है किंतु राजस्थान सरकार अभिभावकों और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए निजी स्कूल संचालकों को संरक्षण देते हुए निजी स्कूलों को खोलने की योजना बना रही है जिससे स्कूल संचालक अभिभावकों को प्रताड़ित कर उनसे फीस वसूल सकें। 

     भारत एक मात्र ऐसा देश जो है तो एक किंतु इस देश मे कानून अनेक है। एक तरफ दिल्ली राज्य है जिसने जब तक वेक्सीन नही तब तक स्कूल नही की घोषणा की, दूसरी तरफ मध्य प्रदेश राज्य है जहां कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को 31 मार्च तक बंद करने का एलान कर दिया, वही तीसरी तरफ राजस्थान सरकार है जो अभी तक कक्षा 1 से 8 तक बच्चों के लिये केवल सिलेबस डिसाइड करने में जुटी है, जिससे स्कूल संचालकों को संरक्षण दिया जा सके।