रूस ने धरती की सबसे तेज उड़ने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. मकसद था अमेरिका को डराना. रूस ने हाल ही में सफेद सागर में मौजूद अपने नॉर्दन फ्लीट एडमिरल गोर्श्कोव फ्रिगेट से इस मिसाइल का टेस्ट किया. मिसाइल ने 450 किलोमटीर दूर मौजूद अपने निशाने पर अचूक धावा बोला. मिसाइल का टारगेट बैरेंट्स सागर में लगाया गया था. रूस इस समय अपने अत्याधुनिक हथियारों का परीक्षण कर रहा है. इसमें उसके एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम भी शामिल हैं. जिरकॉन मिसाइल (Zircon Missile) ध्वनि की गति से आठ गुना ज्यादा रफ्तार से हमला करती है. यानी यह मिसाइल एक बार चल पड़ी तो इसे रोकना बेहद मुश्किल है. ये अपने टारगेट को ध्वस्त करके ही रुकेगी. इसी मिसाइल की तर्ज पर भारत की ब्रह्मोस-2के (BrahMos-2K) मिसाइल भी बनाई जा रही है.
जिरकॉन मिसाइल (Zircon Missile) मैक-8 की गति से उड़ती है. यानी 9878 किलोमीटर प्रतिघंटा. यानी 2.74 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. अगर इस मिसाइल को रूस की राजधानी मॉस्को से छोड़ा जाए तो यह एक घंटे बाद लॉस एजिंल्स में जाकर हमला कर देगी. मॉस्को से लॉस एजिंल्स की दूरी लगभग इतनी ही है. जिरकॉन मिसाइल (Zircon Missile) को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पसंद का हथियार बताया जाता है.
बैरेंट्स सागर में अपने टारगेट तक इस मिसाइल को पहुंचने में मात्र 4 मिनट लगे. इसके पहले अक्टूबर महीने में पुतिन के जन्मदिन पर रूस ने जिरकॉन मिसाइल (Zircon Missile) का परीक्षण किया था. इसके पहले जनवरी में इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. रूस की मीडिया के अनुसार साल 2020 के बाद रूस की नौसेना अपने कई नौसेनिक बेड़े में जिरकॉन मिसाइल (Zircon Missile) तैनात करेगी. हालांकि इसके साथअन्य 3एस14 यूनिवर्सल वीएलएस सेल्स, ओनिक्स औक कालिबर मिसाइलें भी तैनात की जाएंगी. इसकी तैयारी रूस ने पूरी कर ली है. ये माना जा रहा है कि हर जहाज पर 40 से 80 मिसाइलें तैनात होंगी.