संयुक्त अभिभावक संघ शिक्षा मंत्री के बयान की निंदा करता है, अभिभावकों की हठधर्मिता तो दिख गई, स्कूल वालो की कब दिखेगी

 चौथे दिन भी धरने पर डटे अभिभावक 

उदयपुर, अलवर, भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, जोधपुर, अजमेर की पेरेंट्स एसोसिएशन ने भी दिया समर्थन, जल्द जयपुर पहुंच रहे है प्रतिनिधि

     जयपुर। स्कूल फीस का मुद्दा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, संयुक्त अभिभावक संघ सोमवार से लगातार धरने पर बैठा हुआ है किंतु अभी तक ना सरकार कोई सूध ले रही है ना ही शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी अभिभावकों की सूध लेने को तैयार है। गुरुवार को धरना स्थल पर विभिन्न स्कूलों के अभिभावकों ने उपस्थित होकर अपना समर्थन दिया साथ ही सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर अभिभावकों को समर्थन दिया। इस बीच उदयपुर, अलवर, भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, जोधपुर, अजमेर की पेरेंट्स एसोसिएशन ने भी संयुक्त अभिभावक संघ को समर्थन देने की घोषणा की और धरने में शामिल होने के लिए जल्द जयपुर पहुंच रहे है।

     प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू और मंत्री युवराज हसीजा ने जानकारी देते हुए कहा कि " राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने बुधवार को मीडिया के सवाल पर जवाब दिया था, जिसकी संयुक्त अभिभावक संघ घोर निंदा करता है और शिक्षामंत्री से सवाल करते है वह यह बताये की " उनको जिस प्रकार अभिभावकों का धरना देना उनको अभिभावकों की हठधर्मिता लगी, उनको निजी स्कूल संचालकों की हठधर्मिता कब नजर आएगी, क्या शिक्षा मंत्री यह जानकारी देंगे की पिछले आठ महीनों में कितने स्कूलों के अभिभावकों ने मंत्री जी के आवास पर ठोकरे खाई है, अगर वह भूल गए है तो हम उन्हें उन सभी स्कूल के अभिभावकों की सूची दुबारा उपलब्ध करवा सकते है। 

     आठ महीनों से स्कूल संचालकों और सरकार के रवैये से राज्य के 2 करोड़ से अधिक अभिभावक पीड़ित और प्रताड़ित हो रहे है, अब जब अभिभावक अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे है तो उन्हें अभिभावकों की हठधर्मिता नजर आने लगी, लेकिन जब 12 दिनों तक स्कूल संचालक झूठ का राग अलाप रहे थे तब उनकी हठधर्मिता नजर नही आई। संयुक्त अभिभावक संघ आज भी अभिभावकों के मुद्दों पर काम कर रही है और सदैव करती रहेगी, राज्य सरकार से अपील करते है वह अभिभावकों के हितों की रक्षा करे, अभिभावकों की सुरक्षा करे, केवल स्कूल संचालकों को संरक्षण देने से अभिभावकों का कल्याण नही होगा। सरकार अगर 11 लाख शिक्षकों के कल्याण की बात करती है तो उन्हें 2 करोड़ से अधिक अभिभावकों का भी ध्यान रखना होगा।