गहलोत- सचिन फिर आमने सामने - रेफरी माकन मुश्किल में?

 Report - भूपेन्द्र औझा

गहलोत सरकार नहीं, मऩोनयन खतरे मे?

     भीलवाड़ा। काग्रेंस प्रदेश प्रभारी अजय माकन की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा छः महीने पहले घटे घटनाक्रम को दोहराना? केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ओर मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की काग्रेंस बागी विधायकों से मुलाकात, मेहमान नवाजी करने का रहस्यों उदघोष  यू ही नहीं है। हाँ !मूल कारण, फिर भाजपा द्वारा गहलोत सरकार को गिराने की कवायद शुरू करने का नहीं होकर, निशाना कुछ ओर है। बस! प्रभारी अजय माकन को याद दिलाने के लिए कि, सचिन ओर उसके साथियों ने बगावत मे क्या क्या गुल खिलाये थे ओर आप राहुल-प्रियंका गांधी के निर्देश पर उन्हें ही फिर नवाज रहे!! अन्दरखाने की खबर है कि,बीते अप्रैल मे घटे 18 काग्रेंस विधायकों की बगावत से सत्ता संघर्ष के बाद से  मुख्यमंत्री का पूर्व उपमुख्यमंत्री मे संवाद बंद है! यहां तक कि सचिन पायलट के तबके खास सिपेहसालार दो पूर्वमंत्री विश्वेन्द्र सिंह ओर रमेश मीणा तक से भी नहीं!! इससे पहले जो व्यवहार सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के साथ किया (जैसा की स्वयं श्री अशोक गहलोत का सार्वजनिक कथन है) ,वो मुख्यमंत्री अब पूर्व उपमुख्यमंत्री के साथ दोहरा रहे।

     मैने पिछले हफ्ते एक दिसंबर को "प्रदेश काग्रेंस संगठन- बोर्ड-निगम- नगर न्यास मे राजनैतिक मनोनयन पंचायत चुनाव बाद" समाचार मे काग्रेंस हाईकमान द्वारा सचिन पायलट समर्थकों को काग्रेंस संगठक ओर राजनैतिक मनोनयन मे मुनासिब स्थान मिलने के संकेत दिये थे। मुख्यमंत्री गहलोत-प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा इस सच से वाकिफ है ओर उसे थामने की कोशिश में है। इस सच को ठीक से जानने समझने के लिए मैरे-आपके फ्लैशबेक मे जाना जरूरी है। खबर जरूर लम्बी बडी होगी! पर क्या करे?समझने- जानने के लिए मजबूरी है! प्रदेश के सत्ता संग्राम काल मेमुखिया जी ने सार्वजनिक रूप से निक्कमा- नकारा- विरोधी भाजपाईयो से मिलकर प्रदेश काग्रेंस सरकार को गिराने के आरोप तब बागी हेडसम साहब् पर यू ही नहीं लगाये थे!  हेडसम साहब्ओर उसके दोनों खास साथी मंत्रियों की काग्रेंस मे उनकी किसी भी सूरत मे वापसी रोकने के लिए थे।पर वापसी रूकी नहींओर हाईकमान ने सशर्त उनकी काग्रेंस मे मौजूदगी रख दी। वो भी बिना मुखिया से पुछे! मुखियाजी तभी से वापसी कराने- लेने वालों से  नाखुश है!!! 

     आपको ध्यान होगा, काग्रेंस प्रदेश प्रभारी अजय माकन के अब तक पांच राजस्थान दौरों मे से महज दो मे, पहला स्वागत भेट ओर दुसरी,काग्रेंस नेता-कार्यकर्ताओं का मनोनयन चयन मुलाकात को लेकर माकन की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जयपुर मे भेट हुई हैं।बाकी तीन मे माकन जयपुर आये, मुख्यमंत्री के जयपुर मे ही रहते माकन से मिलन नहीं हुआ। माकन आये तथा शीध्र गये! ओर तो ओर अजय माकन का दिल्ली से तीन दिवस जयपुर दौरा बना ओर मुख्यमंत्री की कोरोना के मद्देनजर आगामी एक माह तक किसी से नहीं मिलने की घोषणा तक हुई!!जबकि आपने टीवी चैनलों पर देखा होगा, मुख्यमंत्री निवास पर बकायदा मुख्यमंत्री द्वारा वर्चुअल विडीयों कांफ्रेंसिंग जरिये संबंधित मंत्री-आला अफसरों की मौजूदगी में उनके महकमे के उदघाटन कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। मुखिया जी को जो करना था, वो किया!जिससे नहीं मिलना, नहीं मिले!! ओर बताये,प्रदेश प्रभारी के निर्देश पर काग्रेंस प्रदेशाध्यक्ष का पिछली 23 नवंबर से जयपुर काग्रेंस दफ्तर में प्रत्येक हफ्ते तीन दिन तक पार्टी कार्यकर्ताओं से समस्या समाधान जनसूनवाई कार्यक्रम निर्धारित हुआ था।बकायदा इसका टीवी चैनलों से लेकर अखबार तक खुब प्रचार प्रसार हुआ। लेकिन ऐन वक्त 23 नवंबर को सुबह कोरोना संक्रमण के बढने का कारण बता , वह नहीं हुआ। जो अभी तक शुरू नहीं हुआ है। आप समझ रहे हैं ना! यह सब यूहीं नहीं हो रहा! ओर बिना किसी आलानेता के ईसारे के संभव है?

     प्रदेश प्रभारी अजय माकन 16 नवंबर देर शाम जयपुर आये तथा  मुख्यमंत्री-प्रदेशाध्यक्ष- विधानसभा अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री निवास पर माकन ने लम्बी बैठक की! चर्चा का मुख्य बिंदु पीसीसी पदाधिकारी-बोर्ड- निगम-नगर न्यास मे काग्रेंस नेता कार्यकर्ताओं का मनोनयन चयन!!दूसरी ओर, कोरोना संक्रमित सचिन पायलट का 19 नवंबर को कोरोना से निजात पा अचानक जयपुर से दिल्ली दौरा!!! दो काग्रेस केन्द्रीय पदाधिकारियों के साथ मनोनयन फेरिस्त पर चर्चा के लिए पायलट की मुलाकात का समय निर्धारित। उसी दिन 19 नवंबर को दोपहर में समाचार चैनलो पर सचिन पायलट के डाक्टरों की सलाह पर कोविट19 ईलाज के लिये मेडिकल ऐयरबस से दिल्ली जाने के समाचार आये। वजह!सावधान, कोरोना पीडित से कोई नहीं मिले। जबकि सचिन पायलट अपनी दो कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट ओर 21 दिन जयपुर अपने निवास पर ऐकातंवास मे समय बीता, पूर्ण स्वास्थ्य हो बाई रोड कार से दिल्ली गये थे। 

      काग्रेंस के भरोसेमंद आलासूत्रो के मुताबिक, हाईकमान द्वारा निंस्कासित काग्रेंस नेताओं के निंस्कासन रद्द पत्र की तैयारी ओर सचिन पायलट समर्थकों को मनोनयन मे स्थान देने के संकेत। राजधानी दिल्ली मे काग्रेंस राष्ट्रीय संगठन महामंत्री वेणुगोपाल के बदले दुसरे काग्रेस नेता को इस पद पर बैठाने की चर्चा। दौड मे सचिन पायलट का नाम भी। मददगार आलानेता अहमद पटेल अब नहीं! वेणुगोपाल भी हटे ओर सचिन आये तब!! ऐसे मे अब करे तो क्या करें? फ्लैशबैक खतम, पत्ते की बात! काग्रेंस से बगावत ओर आला भाजपा नेताओं से मुलाक़ात के गडे मूर्द उखाडऩे का रास्ता। वो भी आमजन के सामने प्रदेश प्रभारी अजय माकन को याद तथा आप क्या कर रहे हो?बताने को। सबूत के तोर पर, रणजीत सूरजेवाला, अविनाश पांडे जी आप भी यही हमारे साथ 30 दिन थे। देखा- सूनाभाला!! फिर भी यह हो रहा?आप सब अब चुपचाप बैठे होने दे रहे! 

     हाईकमान को सब बता, समझा क्यों नहीं रहे? दबाव के लिए दुसरे दिन भी काग्रेंस प्रदेशाध्यक्ष ओर एक मंत्री से आरोपों को दोहराया गया। जबकि पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह मालवीया द्वारा दोनो बीटीपी विधायकों पर  गहलोत सरकार को समर्थन ओर राज्यसभा चुनाव में काग्रेंस उम्मीदवारों को मत देने के बदले काग्रेंस नेताओं से दस करोड़ रुपये लेने के कथित वीडियो  आरोप से नाराज बीडीपी नेताओं द्वारा गहलोत सरकार से समर्थन समीक्षा- वापसी को लेकर  बीडीपी संगठन की शीध्र बैठक बूलाने की घोषणा पर मुख्यमंत्री-प्रदेशाध्यक्ष के बेफ्रिक रहने!  

     खैर,अब तो आप सब  समझ जान गये, कि नहीं? खतरे मे सरकार नहीं, काग्रेंस मे लम्बे समय से लटके मनोनयन है। नाहक ही भाजपा नेता आरोप प्रत्यारोप की बयानबाजी मे ऊलझ, बात का बतंगड़ बना रहे! उसे लम्बी खींच रहे!! मुखियाजी की मन चाही मुराद मे मदद कर रहे!!! भाई सेहत के लिए थोड़ा शांत रहना अच्छा होता हैं। 🙋‍♂️जय हिंद!