हुरड़ा मे कृष्णा सिंह, आसींद मे सीता देवी खटीक ? निर्दलीयों का गैम

Report From -  भूपेन्द्र औझा

     भीलवाड़ा। आसींद विधानसभा की तीनों पंचायत समिति हुरड़ा, आसींद, बदनौर में निर्दलीय उम्मीदवार के हाथ मजबूत है। हुरड़ा, आसींद पंचायत समितियों में प्रधान पद की विजय चाबी निर्दलीय  उम्मीदवारों के पास है। उसमे प्रधान पद जीत का ताला काग्रेंस खोलती लग रही हैं। आलासूत्रो के मुताबिक़, हुरड़ा मे सरेडी वार्ड 11 से जीते निर्दलीय प्रत्याशी राजू कुमावत काग्रेंस खेम, पूर्व मंत्री रामलाल जाट के साथ ओर बीते दिन से पास है। जिससे काग्रेंस जीत का आकड़ा दस तक पहुंच गई हैं। दुसरा विजय निर्दलीय कुम्हार भाजपा के पास। पर सफलता के लिए एक फिर भी कम नौ के रहने से भाजपा प्रधान चुनाव में पिछड रही।

     भरोसेमंद सूत्रधार मुताबिक़ हुरड़ा सामान्य पद पर काग्रेंस दावेदार मे वार्ड एक से जीते कृष्णा सिंह, हस्तीमल जैन ओर पूर्व सरपंच रामनारायण जाट मे रस्साकशी है।पर बाजी मे सामान्य पद पर सामान्य समुदाय का प्रधान के नारे तथा पूर्व मंत्री ओर पूर्व विधायक दोनो की साझा पंसद से कृष्णा सिंह प्रधान दौड मे सबसे आगे है। आसींद पंचायत समिति में दोनों पार्टियों काग्रेंस- भाजपा के बराबर दस दस सीटें जीतने ओर मौड का निम्बाहेड़ा से निर्दलीय जीती उम्मीदवार सीता देवी खटीक धर्मपत्नी लादुलाल फौजी के गुजरे दिन से काग्रेंस खेमे ओर पूर्व विधायक हगामीलाल मेवाड़ा के साथ हैं। बस शर्त मुझे प्रधान बनाओ की है! सूत्रों के मुताबिक वह काग्रेंस नेताओं द्वारा मान ने के संकेत हैं।

     बदनौर पंचायत समिति में भाजपा बहुमत से ज्यादा सीटों नौ पर जीती ओर काग्रेंस निर्दलीय उम्मीदवार तीन तीन पर विजय हुए।पर महिला प्रधान मे रावत समुदाय की तीन दावेदारो मण्डल अध्यक्ष महेन्द्र सिंह के भाई की धर्मपत्नी ऐश्वर्या रावत, पूर्व भोजपुरा सरपंच शांति देवी रावत धर्मपत्नी बहादुर सिंह ओर लाच्छी देवी रावत धर्मपत्नी व्यवसाई प्रेम सिंह के बीच मशक्कत है। चुनाव में मण्डल अध्यक्ष महेन्द्र सिंह के अपनी धर्मपत्नी का निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल करना पार्टी नेताओं एवम कार्यकर्ताओं को नागवार लग रहा। हालांकि भाई की धर्मपत्नी को भाजपा उम्मीदवार घोषित होने पर महेन्द्र सिंह की धर्मपत्नी का नामांकन वापस ले लिया था।

     चर्चा में तीन निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने साथ जुटा तथा काग्रेंस सहयोग से प्रधान पद पर उनके सहयोग से एक बार फिर बागी चुनाव लडने की संभावना भी जताई जा रही हैं लेकिन मण्डल अध्यक्ष होते पार्टी के खिलाफ नामांकन दाखिल करना, महेन्द्र सिंह ओर ऐश्वर्या देवी के प्रधान पद पर चयन मे रुकावट पैदा कर रहा है। इससे शांति देवी रावत ओर लाच्छी देवी रावत मे अनुभवी पूर्व सरपंच शांति देवी का पलडा भारी है।एक ओर बात शांति देवी के पति बहादुर सिंह विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी के नजदीक ओर रावत समुदाय की पहली पंसद भी है।