अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह देश वैसे लोगों का है जिनकी धड़कन देश के लिए धडकती है और देश के आन-बान-शान को बरकरार रखने के लिए प्रयत्नशील रहते है. यहां की मिट्टी को चूमकर अपने माथे से लगाते हैं और देश पर आई विपत्ति को अपनी विपत्ति समझते हैं. उनके लिये देश ही प्रथम है न कि वैसे राष्ट्र विरोधी तत्त्वों का देश है जो अपने स्वार्थ के लिये देश की आबरू व इज्जत से समझौता करने से भी नहीं चूकते हैं. जिनके लिये जाति, संप्रदाय, कौम व धर्म प्रथम है वे राष्ट्र भक्त हो ही नहीं सकते हैं. क्योंकि मेरी नज़रों में देश से बड़ा कोई भी नहीं और कुछ भी नहीं।
(अजीत सिन्हा) |
आगे उन्होंने कहा वैसे बहरूपिये लोगों से भी देश के लोगों को होशियार रहनी चाहिए जिनके हृदय में कुछ और बाहर कुछ है, ऐसे तत्व और भी ज्यादा खतरनाक होते हैं. राष्ट्र भक्तों की मंडली में शामिल होकर राष्ट्र विरोधी कार्य करते हैं और ऐसे लोगों को पहचान कर सरकार तथा देश के लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है.
सर्व धर्म समभाव और वसुधैव कुटुम्बकम् का भाव केवल एक धर्म और वर्ग के लिए नहीं है. इसे सभी को आत्मसात् करना चाहिए लेकिन इसकी आड़ में राष्ट्र विरोधी तत्व को फलने - फूलने की खुली छुट नहीं दी जा सकती है क्योंकि लोग हैं तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो हम सभी है. इसलिए मातृभूमि से गद्दारी कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जेहादियों, देशद्रोहियों, गद्दारों और घुसपैठियों को यह देश छोड़ना ही पड़ेगा चाहे इसके लिए राष्ट्र भक्तों को कुर्बानी ही क्यों न देनी पडे. जय हिंद!