भारत के प्रधानमंत्री से मांगी आरटीआई के अंतर्गत जानकारी क्रांन्तिकारी परिजन को डायरेक्ट राष्ट्रपति क्यों नही बनाया जाए

News from - Arvind Saxena

     बरेली (उत्तर प्रदेश) - कांग्रेस शासनकाल में पड़ताड़नाए झेलने वाले बदायूँ उत्तर प्रदेश के निवासी इतिहास पुरूष स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना को रामकोविंद के बाद देश का डायरेक्ट राष्ट्रपति बनाए जाने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, सुल्तानपुर, मुरादाबाद, जौनपुर से प्रकाशित खबरों में सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद चित्रांस के सराहनीय कदमों का सहयोग करने वाले गुरु गौरखनाथ अखाड़े के योगी ओमनाथ ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को न्याय सम्मान दिलाने के लिए प्रतिज्ञा करते हुए योगी ओमनाथ अरविंद चित्रांस ने बताया दिल्ली से हैप्पी दिल्ली वेलफेयर सोसायटी के मनोज शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के प्रति प्रेम भावना जानने के लिए आरटीआई के अंतर्गत सरकार से जानना चाहा है कि 47 वर्षों से समाज की सेवा करने वाले सच्चे, कर्मठ, मेहनती, इमांदार इतिहास को रचने वाले देशभक्त जगदीश सक्सेना को क्या शासनिक-प्रशासनिक अधिकारी मृत्यु पश्चात ही न्याय सम्मान देंगे?

      रामकोविंद के बाद डायरेक्ट राष्ट्रपति बनाने की प्रकाशित खबरों का मोदी सरकार समर्थन करती या खंडन। अपने जीवनकाल का अंत करने वाले जगदीश सक्सेना को रामकोविंद के बाद देश का डायरेक्ट राष्ट्रपति बनाने की क्षमता केंद्र सरकार रखती है या नही? देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को आजादी दिलाकर कौनसे अपराध किए हैं, जिनके परिजनों को न्याय सम्मान दिए जाने की बजाए पड़ताड़नाए देना मोदी सरकार की नजरों में कहाँ तक उचित है? 

     जब एक विदेशी महिला भारत को अपनी हकुमत समझ देश को लूटते हुए 50/-लाख करोड़ रूपए की मालकिन बन सकती है, तो स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य जगदीश सक्सेना को डायरेक्ट राष्ट्रपति क्यों नही बनाया जा सकता?  सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद चित्रांस के सहयोग में गौरखपुर अखाड़े के योगी ओमनाथ ने कहा जगदीश सक्सेना को देश का डायरेक्ट राष्ट्रपति बनाए जाने के प्रस्ताव को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी वह जाएंगे। उन्होंने कहा भारत माता को बेड़ियों से मुक्त कराने वालों के परिजनों को न्याय सम्मान नही मिल सकता, तो देशवासियों का भला कभी नही हो सकता!