ऑफलाइन एक्जाम को लेकर विद्यार्थियों में बढ़ रहा है आक्रोश
News from - अभिषेक जैन बिट्टू
अब विद्यार्थी भी कर रहे है ऑनलाइन एक्जाम की मांग

माहेश्वरी, सोफिया, सेंट एंसलम के बाद अब नीरजा मोदी के विद्यार्थी भी प्रोटेस्ट को तैयार

     जयपुर। निजी स्कूलों द्वारा ऑफलाइन एक्जाम लेने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है पिछले 5 दिनों से शहर के अलग-अलग स्कूलों में विद्यार्थी खुद सड़कों पर उतरकर ऑफलाइन एक्जाम लेने का विरोध कर रहे है। शनिवार को मानसरोवर के शिप्रा पथ रोड़ स्थित नीरजा मोदी स्कूल के विद्यार्थियों के प्रदर्शन करने सूचना संयुक्त अभिभावक संघ को मिली, जिसके बाद संघ की टास्क फोर्स वहां पहुंची और स्टूडेंट्स से मुलाकात कर उनकी शिकायत सुनी, उन्हें समझाया और प्रदर्शन या विरोध नही करने का आह्वान किया। जिसके बाद स्टूडेंट्स ने संयुक्त अभिभावक संघ बात मानते हुए अपने- अपने घर चले गए। 

     विद्यार्थियों का आरोप है " माता-पिता के मना करने के बावजूद जर्बदस्ती परीक्षा को लेकर हमारे ऊपर और हमारे माता-पिताओ पर दबाव बनाया जा रहा है। कोविड़ गाइडलाइन को लेकर जारी एसओपी में स्पष्ट बताया गया है कि माता-पिता की सहमति के बाद स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। किन्तु स्कूल संचालक परीक्षा को मेंडेटरी बता हमारे माता-पिताओ से जबर्दस्ती कर रहे है। हम वर्तमान स्थिति को देखते हुए पूरी तरह से स्कूल जाने को तैयार है। बहुत से स्कूलों में कोरोना के कैश देखने को मिले है जिससे हमें भी डर लग रहा है और हमारे माता-पिताओ को भी डर लग रहा है। हमारे घरों में बड़े-बुजुर्ग भी रहते है जितनी जिम्मेदारी माता-पिताओ की और परिवार की हमारे प्रति बनती है उतनी जिम्मेदारी हमारी भी बनती है इसलिए हम अभी स्कूल जाने को लेकर तैयार नही है इसलिए अभी केवल ऑनलाइन एक्जाम ही होने चाहिए। बड़ी मुश्किल से हमने ऑनलाइन पढ़ाई को स्वीकार किया है उसे समझा है अब ऑफलाइन एक्जाम और कोरोना संक्रमण की दोहरी मार हमें मानसिक दबाव दे रही है। 


     अभिभावकों ने भी स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया कि " जब सरकार ने सहमति से स्कूल भेजने के निर्देश दिए है तो बच्चों को मेंडेटरी एक्जाम के नाम पर जबर्दस्ती स्कूलों में क्यो बुलाया जा रहा है और जबर्दस्ती सहमति पत्र भरने को कहा जा रहा है। एक्जाम नही देने की स्थिति में बच्चों को फेल करने की धमकियां दी जा रही है। जब बच्चों को फेल ही करना है और ऑफलाइन एक्जाम ही लेने है तो राज्य सरकार को गाइडलाइन बनाने और एसओपी जारी करने की कहा आवश्यकता है। स्कूल, सरकार और प्रशासन का कही कुछ नही बिगड़ेगा अगर कोई बच्चा प्रभावित हुआ तो भुगतना अभिभावकों को पड़ेगा। किन्तु सबसे बड़ी समस्या है कि कही कोई सुनवाई नही हो रही है सिस्टम के पूरे कुएं में भाग खुली पड़ी है। सब अंधे-गूंगे, बहरे बने बैठे है और बड़ी घटना का इतंज़ार कर रहे है जिस पर यह लोग राजनीति कर सके। 

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि अगर बच्चें और अभिभावक स्वयं को लेकर चिंतित है तक उनका विरोध करना जायज है स्कूल, सरकार और प्रशासन को बच्चों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अभिभावकों का मान रखना चाहिए। शनिवार को नीरजा मोदी स्कूल के बच्चों की सूचना मिली थी हमारी टीम तत्काल वहां पहुंची और बच्चों को समझा-बुझा कर वहां से भेज दिया किन्तु यह कितने दिन चलेगा, अभी तक केवल अभिभावक आक्रोशित थे किंतु अब बच्चों में भी आक्रोश बढ़ रहा है। क्या राज्य सरकार बच्चों को पढ़ाई से दूर रखने की योजना पर काम कर रही है या पढ़ाई को लेकर बच्चों का मनोबल तोड़ने की साजिश रचकर राज्य की अनपढ़ प्रदेश की और धकेल रही है।
(Note - THE NEWS NOW is thank full to JHUNJHUNU NEWS for above video clip.)