News from - अभिषेक जैन बिट्टू
ना राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशों का सम्मान ना सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का सम्मान
सरकार और शिक्षा विभाग जिम्मेदारियों के प्रति विकलांग हो गया है
जयपुर। प्रदेश में शिक्षा को लेकर पिछले एक वर्ष से आंदोलन कर रहे अभिभावकों के संगठन संयुक्त अभिभावक संघ ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में शिक्षा को लेकर बनाये गए कानून की व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. खुद राज्य सरकार निजी स्कूलों के असहाय साबित होती जा रही है। प्रदेश की सरकार और शिक्षा विभाग स्वयं की जिम्मेदारियों के प्रति विकलांग हो गई है।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि आज सरकार और शिक्षा विभाग की असहाय स्थिति जगजाहिर हो गई है किंतु आज जिस प्रकार खुलेआम राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश हो या सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेशों की खिल्लियां जमकर उड़ाई जा रही है। जिस प्रकार राज्य सरकार और शिक्षा विभाग दोनों मूकदर्शक बनकर केवल तमाशा देख रहे है और अभिभावक इसमें पिस्ता चला जा रहा है। सरकार और शिक्षा विभाग के इस रवैये से निजी स्कूलों की हठधर्मिता बढ़ती चली जा रही है, अभिभावक प्रदर्शन कर रहे है किन्तु कोई सुनवाई नही हो रही है। निजी स्कूलों ने एक बार प्रदर्शन क्या किया सरकार घुटनों के बल आ गई और 55 हजार निजी स्कूलों को राहत दे दी गई जबकि ढाई करोड़ से अधिक अभिभावक पिछले एक वर्ष से पीड़ित है राहत की मांग कर रहा है किंतु ना सरकार के कानों में जू रेंग रही है ना शिक्षा विभाग के कानों के जू रेंग रही है।
सरकार और विभाग की निष्क्रियता अभिभावकों को चेता रही है
प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि प्रदेश का अभिभावक निजी स्कूलों की हठधर्मिता से लगातार प्रताड़ित और अपमानित हो रहा है, जिसको लेकर अभिभावक शासन और प्रशासन को अनगिनत बार शिकायत भी कर चुका है किंतु सरकार और विभाग अभिभावकों के प्रति निष्क्रियता जगजाहिर हो चुकी है और अभिभावकों को पुनः आंदोलन की राह को लेकर चेता रही है पूर्व में 19 दिन धरना और क्रमिक अनशन हुआ था जिसको सरकार के प्रतिनिधि ने झूठे वादे और आश्वासन के सहारे धरना उठवा दिया था किंतु इस बार अगर अभिभावक सड़कों पर उतरे तो न्याय लेकर ही खड़े होंगे।