सीबीएसई और आरबीएसई की 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने के फैसले का संयुक्त अभिभावक संघ ने स्वागत किया

News from - अभिषेक जैन बिट्टू 

केंद्र और राजस्थान सरकार से कोरोना को ध्यान में रखकर स्थगित करने की थी मांग

     जयपुर। देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए संयुक्त अभिभावक संघ ने केंद्र और राजस्थान सरकार ने सीबीएसई और आरबीएसई की 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं कुछ समय टालने का अनुरोध किया था। जिसे केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार ने तो स्वीकार करते हुए सीबीएसई की 10 वीं परीक्षा पूरी तरह से रद्द कर दी है और 12 वीं की परीक्षाओं का आगे के लिए टाल दिया है। ठीक ऐसा ही निर्णय लेते हुए राजस्थान सरकार ने आरबीएसई बोर्ड के 10वीं और 12 वीं की परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय लिया है। 

     संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि प्रदेश ही नही बल्कि देशभर के अभिभावक बढ़ते कोरोना संक्रमण से चिंतित थे, वर्तमान में कोरोना संक्रमण 18 से 45 वर्ष के लोगो को अधिक चपेट में ले रहा है जिसकी वजह से देशभर में डर का माहौल बना हुआ था। पिछले 4-5 दिनों से संगठन के हेल्पलाइन नम्बर पर अभिभावक अपनी शिकायत दर्ज करवा रहे थे और परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग रखने की बात कर रहे थे। अभिभावकों की चिंताओं और शंकाओं को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ पिछले तीन दिनों से केंद्र और राजस्थान सरकार से बोर्ड परीक्षाएं टालने की मांग कर रहा था। संघ की मांग पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने सीबीएसई बोर्ड के एक्जाम को लेकर एक कदम आगे बढ़कर निर्णय लिया जिसका राजस्थान सहित देशभर के अभिभावक स्वागत करते है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान सरकार के फैसले का भी स्वागत करता है पिछले दो दिनों से बैठकों के दौर समाप्त करने के बाद राजस्थान सरकार ने आरबीएसई की 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी है। केंद्र और राजस्थान सरकार के परीक्षा को लेकर लिए निर्णय से प्रदेश के लाखों अभिभावकों को संतुष्टि मिली है। इस निर्णय के बाद अब अभिभावकों को अपने बच्चों की एक जगह सुरक्षा व्यवस्था रखनी होगी। 

कक्षा 10 से 12 वीं तक चल रहे स्कूलों को भी बंद करने के आदेश देंवे राजस्थान सरकार

     संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने एक बार फिर राजस्थान सरकार से अपील की है वह कक्षा 10 से 12 वीं तक चल रहे सभी निजी एवं सरकारी स्कूलों को भी तत्काल बन्द करने के आदेश जारी करे।अरविंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार के लच्चर रवैये से प्रदेश का अभिभावक लगातार असन्तुष्ट है पिछले 7-8 दिनों से कोरोना प्रदेश में अपने पांव पसार रहा है। किंतु उसके बावजूद राज्य सरकार ने बच्चों को लेकर अभी तक कोई फैसला नही लिया, जिसके चलते प्रदेशभर के अभिभावकों में शंकाओं के बादल मंडराने लगे है। अब जब परीक्षाएं ही रद्द हो गई है तो राजस्थान सरकार को तत्काल स्कूलों को भी बंद करने के आदेश जारी करने चाहिए। सरकार बैठके करने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नही ले पा रही है। जबकि इसी तरह का स्कूलों की फीस मसला भी है जिस पर पिछले एक साल से दोनों सरकारें आज तक कोई निर्णय नही ले रही है बल्कि चुप्पी साधे बैठी है। ठीक ऐसे ही स्कूलों को बंद करने के निर्णय पर अब चुप्पी साधकर बैठ गए है जिससे बच्चों की जिंदगी से खतरे में पड़ सकती है।

सवाल : 10 वीं और 12 वीं के एक्जाम को लेकर दी गई फीस का क्या होगा

     संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने कहा कि प्रदेश के अभिभावकों में एक्जाम और स्कूलों को लेकर तो शंकाएं बरकरार थी किन्तु एक वर्ष से जिस फीस को लेकर अभिभावकों को प्रताड़ित और अपमानित किया गया। उस फीस का क्या होगा, यही 10 वीं और 12 वीं की कक्षाएं थी जिनको लेकर निजी स्कूलों ने पहले फीस भरने का दबाव बनाया था और उसके बाद बोर्ड के फॉर्म भरवाए थे।