राँची (झारखण्ड) : प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व मीडिया जगत से नाता रखने वाले अजीत सिन्हा ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अजब - ग़ज़ब हैं. आजकल वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने कफन वाले ब्यान के कारण हंसी और जनता - जनार्दन के साथ नेताओं के भी रोष के पात्र बन गये हैं।
(अजीत सिन्हा) |
कफन की बात समझ से परे है. क्योंकि कफन देने वाले प्रचार-प्रसार कर या ढिंढोरा पीट कर मरने वाले या दिवंगत लोगों को नहीं उढाते हैं अपितु स्वेच्छा से श्रद्धांजलि स्वरुप अर्पित करते हैं। किसी भी मंत्री, मुख्यमंत्री का ब्यान एक मर्यादित मापदंड के अंतर्गत होता है न कि जो समझ आये वही कह दिया जाये। जिससे लोगों के दिल को चोट पहुचें। क्या मुख्यमंत्री जी को इतनी भी समझ नहीं है कि आज की पढ़ी - लिखी जनता नेताओं के एक - एक बात को तौलती है. जो कोरोना ग्रसित मरीज़ के परिजन हैं वे जब दवा का इंतजाम कर रहे हैं, तो अपने दिवंगत लोगों के लिए कफन का इंतजाम नहीं करेंगे क्या?
हाँ कुछ लोग हैं जो भय की वज़ह से अपने दिवंगत परिजन की लाश को कंधा नहीं दे रहे हैं. उनके क्रिया - कर्म में शामिल नहीं हो रहे हैं, तो क्या उसके लिये जिले के जिला अधिकारियों के पास फंड नहीं होती है? जिससे वे अपने नागरिकों की क्रिया - कर्म कर सके. इसके लिए ढिंढोरा पीटने की क्या आवश्यकता थी? यदि वे बुद्धिमान होते तो ढिंढोरा न पीटकर गुप्त रूप से से भी इस पुण्य के कार्य में भाग ले सकते थे।