अभिभावकों की मांगों को दरकिनार कर छात्रों की जिंदगी से से समझौता कर रही केंद्र सरकार

News from - अभिषेक जैन बिट्टू (प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी - संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान)

अभिभावकों की मांग 12 वीं की ऑफलाइन परीक्षा रद्द हो 
राजस्थान के संयुक्त अभिभावक संघ सहित देशभर के अभिभावक संगठन हुए एकजुट, ट्विटर पर चलाया #ModiJiNoOfflineExams
संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा " ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जब एक्जाम के लिए विकल्प नही है तो जबर्दस्ती पढ़ाई क्यो "
     जयपुर। सीबीएसई बोर्ड एक्जाम को लेकर लगातार चर्चा का बाजार गर्म है, अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है, निजी स्कूल और केंद्र सरकार ऑफलाइन एक्जाम लेने पर अड़े हुए है। ऐसी स्थिति में अब जब देश मे कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है तो कैसे ऑफलाइन एक्जाम सम्भव होगा। ऑफलाइन एक्जाम के विरोध में राजस्थान के संयुक्त अभिभावक संघ सहित देशभर के सभी अभिभावक संगठनों ने एकजुट होकर वर्च्युअल विरोध भी दर्ज करवाया और ट्विटर पर #ModiJiNoOfflineExams भी चलाया जो ट्रेंड में भी रहा, उसके बावजूद भी परीक्षाएं रदद् करने पर चर्चा ना कर, केवक मेन सब्जेक्ट्स को लेकर चर्चा चली। क्या कुछ चुनिंदा सब्जेक्ट्स के एक्जाम लेकर प्रतिभाएं निखर जाएगी। 
     संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि केंद्र सरकार देशभर के अभिभावकों की मांगों को दरकिनार कर जबर्दस्ती  छात्र-छात्राओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है, जिस प्रकार केंद्र सरकार और सीबीएसई बोर्ड ने 10 वीं की परीक्षाएं रदद् की थी ठीक उसी तरह तत्काल 12 वीं की परीक्षाएं भी रदद् होनी चाहिए। 
     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि केंद्र सरकार और सीबीएसई बोर्ड एक तरफ ऑनलाइन प्लेट फॉर्म को एक्जाम के लिए विकल्प नही मान रही है। वही दूसरी तरफ स्कूलों को बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन के आदेश दे रही है। जब ऑनलाइन एक्जाम नही हो सकते है तो क्यो बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर पिछले सवा साल से ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। राजस्थान की स्थिति की बात करते है तो प्रदेश के दो जिले डूंगरपुर और दौसा में बड़ी संख्या में 18 वर्ष  से कम  उम्र के बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए है जानकारों के अनुसार  यह प्रदेश में तीसरी कोरोना लहर हो सकती है। डूंगरपुर में 506 एवं दौसा में 341 बच्चे की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के अनुसार देश मे अगर तीसरी लहर आती है तो हस्पतालों में डेढ़ लाख से अधिक बेड की आवश्यकता पड़ेगी, देश मे 30 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं है।
ट्विटर पर चलाया " #ModiJiNoOfflineExams " दिनभर रहा ट्रेन्ड में
     प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान मैं संयुक्त अभिभावक संघ सहित दिल्ली, यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, छतीसगढ़, झारखण्ड, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के सभी अभिभावक संगठनों ने रविवार को एकजुटता का परिचय दिया और ट्विटर पर "मोदी जी नॉ ऑफलाइन एक्जाम्स " # टेंग चलाया, इस अभियान में देशभर के अभिभावकों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया और ऑफलाइन एक्जाम का विरोध किया। अभिभावक संगठनों का यह अभियान दिनभर ट्रेंड में रहा। राजस्थान से भी अभिभावकों और छात्रों ने ट्वीट किए।

राजस्थान सरकार भी परीक्षाओ को लेकर करे स्थिति स्पष्ट, छात्र-छात्राओं पर बढ़ रहा है मानसिक दबाव

     प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने राजस्थान सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है, परीक्षा स्थगित करने के निर्णय से छात्र-छात्राओं में मानसिक दबाव बढ़ रहा है, उन्हें यह जानकारी ही नही है कि कब पढ़ाई करनी है पूर्व में  पढ़ाई की तो परीक्षा स्थगित कर दी, प्रदेश की स्थिति और व्यवस्था को ध्यान में रखकर सरकार को 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं रदद् करनी चाहिए। सभी बच्चों को प्रमोट करना चाहिए।