सनातनियों शास्त्र धारण करने के साथ-साथ आत्मरक्षार्थ शस्त्र भी उठाओ - अजीत सिन्हा

      राँची (झारखण्ड) : पश्चिम बंगाल में व्याप्त एक धर्म विशेष के लोगों की हिंसक गतिविधियों को देखते हुए  अजीत सिन्हा ने अपने सनातनी भाइयों - बहनों से आह्वान किया कि वे अपनी रक्षार्थ हथियार उठाने से नहीं चुकें  क्योंकि अपना धर्म और संविधान भी स्वयं के रक्षार्थ हथियार उठाने की इजाजत देता है। अपनी इज्जत - आबरू, मान - सम्मान खोने से ज्यादा अच्छा है कि लड कर वीरगति को प्राप्त करें क्योंकि अब समय आ गया कि सनातन धर्म के मानने वाले हिन्दू लोग भी कानूनी रूप से मान्य अस्त्र - शस्त्र को अपने घर में रखें और जरूरत पड़ने पर उसके प्रयोग से गुरेज नहीं करें क्योंकि सहनशीलता का मापदण्ड कायरता नहीं हो सकती और पलायन करने से ज्यादा अच्छा है कि लड कर मरें और मरने से पहले कुछ को काल - कल्वित अवश्य करें क्योंकि अब बहुत हो चुका और जुर्म सहने का ठीका सनातनियों ने नहीं ले रखा है और आपको यह पता होना चाहिए कि जुर्म करने वाले से सहने वाला ज्यादा बड़ा अपराधी होता है।

     अजीत सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को जीने का अधिकार है. यह अधिकार कोई उनसे कोई छिनता है तो वह बड़ा अपराधी है. ऐसे अपराधी को कानूनी रूप से से सजा दिलवाने का तो प्रयास करना ही चाहिये लेकिन बात जब आमने - सामने की लड़ाई की हो और आपके पास कानून को सूचित करने या उनके इंतजार करने का समय नहीं हो तो उस परिस्तिथि में हथियार उठाने से परहेज न करें। संभ्रांत व कुलीन वर्ग के सनातनियों से मेरा निवेदन है कि इस लड़ाई में अपने सनातन धर्म के भाई - बहनों का साथ तन - मन - धन के साथ दें क्योंकि ऐसा धन किस काम का होगा जब आततायी आपकी मान - सम्मान के साथ आपके जीवन भर की पूँजी को लूट कर ले जायें। 

      इसके लिये आप अभी से सरकार के पास हथियारों के लाइसेन्स हेतु आवेदन दें क्योंकि आज की लड़ाई पौराणिक हथियारों पर निर्भर नहीं है और आतताइयों के पास हर तरह के हथियार मौजूद हैं. यदि सरकार वर्ग विशेष के घरों - मस्जिदों और छुपाने की जगहों पर छापे मारे तो कल्पना से परे जखीरा बरामद होगा। इस धर्म युद्ध में आप सरकार और उसके तंत्र के भरोसे भी नहीं बैठ सकते, उसके लिये आपको स्वयं इंतजाम करना होगी। 

जय हिंद, वंदे मातरम् !🚩