News from - Abhishek Jain Bittu
अभिभावकों में आक्रोश ..... राज्य सरकार और प्रशासन अपनी भूमिका तय करें
जयपुर। निजी स्कूलों की फीस को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है. एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट ने अपना अंतिम आदेश दे दिया है, वही दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना ना होने से अभिभावकों में आक्रोश बढ़ रहा है। गुरुवार को संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि प्रदेश का अभिभावक फीस में राहत चाहता है किन्तु निजी स्कूल संचालक अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं। मनमानी फीस वसूलने के चलते लगातार अभिभावकों पर मेसेज और फोन कॉल के माध्यम से दबाव बनाकर डरा-धमका रहे हैं। राज्य सरकार और प्रदेश के शिक्षा प्रशासन को इस विषय पर अपनी भूमिका तय करनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करवानी चाहिए।
जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई को अपना फैसला सुनाया, उसके बावजूद निजी स्कूल कोर्ट के आदेश की पालना ना कर लगातार अवमानना कर रहे है. बच्चों की पढ़ाई रोक दी है. फीस की तिथि निर्धारित कर अभिभावकों को डराया-धमकाया जा रहा है कि इतनी तरीख तक फीस जमा नही होगी, तो हम समझ लेंगे की आप अपने बच्चों को पढ़ाना नही चाहते है। लेट फीस वसूल रहे हैं जबकि फीस न चुकाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना ही नही हो सकती है। राज्य सरकार आदेश की पालना नही करवा रही है।शिकायतें भेजने के बावजूद शिक्षा विभाग कार्यवाही नहीं कर रहा है. आखिरकार इनकी भूमिका कौन तय करेगा?