दलहन आयात पर पुनः प्रतिबंध लागाने एवं किसान आंदोलन की मांग - रामपाल जाट

     नई दिल्ली - किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि दलहन आयात पर पुनः प्रतिबंध लागाने एवं किसान आंदोलन की मांगों को स्वीकार करने हेतु। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून हेतु वर्ष 2010 से दूदू - राजस्थान से आरंभ होकर देशव्यापी आंदोलन चल रहा है. 26 नवंबर 2020 को किसानों ने दिल्ली के लिए कूच किया। उसी क्रम में किसान महापंचायत के नेतृत्व में राजस्थान के किसानों ने जयपुर से दिल्ली के लिए कूच किया था.

     आप भी न्यूनतम समर्थन मूल्य को यथावत रखने के लिए निरंतर घोषणा कर रहे हैं. उसके उपरांत किसानों को चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त होना भी दुर्लभ हो गया. 15 मई को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा मूंग, उड़द एव तूर के आयात पर प्रतिबंध को हटाने से इनके साथ ही चने के दामों में भी गिरावट आ गई. बाजार में चना 4700 रुपये तक आ गया. जो घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से 400 रुपये प्रति क्विंटल कम है.

     किसानों को उनकी उपजों के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए खरीद की गारंटी का कानून बनाने के स्थान पर आयात से प्रतिबंध हटा कर के दामों में गिरावट का काम किया है.

अत: ज्ञापन निम्न प्रकार है --

1. मूंग, उड़द, तूर पर आयात के प्रतिबंध को हटाने के लिए 15 मई को प्रसारित अधिसूचना को वापस लिया जाए. 2. प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मार्गदर्शिका को संशोधित कर दलहन एवं तिलहन की उपजों के दाने-दाने की खरीद सुनिश्चित करने हेतु सरकारी खरीद में कुल उत्पादन में से 25% की सीमा को समाप्त किया जावे।

3. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जावे।

4. 5 जून 2020 को एक राष्ट्र एक बाजार के नाम पर लाए गए कानूनों को निष्प्रभावी बनाया जावे।