विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष

News from - Arvind chitransh                                                                                                                        

बर्कले बिधि से पौधों के लिए वर्षों से जैविक खाद तैयार कर रहे हैं तमसा पुरुष सुनील राय

आपदाएं हमें प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सावधान कर रही है, होशियार..?

     आजमगढ़, पूर्वांचल! विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून, इस दिन के लिए हर वर्ष एक थीम निर्धारित होती है. इस वर्ष 2021 की थीम "पारिस्थितिकी तंत्र बहाली" निर्धारित है. हमेशा हर वर्ष विशेष कार्यक्रमों के ज़रिये आम जनमानस को पेड़-पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, हरे पेड़ न काटने, नदियों को साफ़ सफाई रखने और प्रकृति से खिलवाड़ न करने जैसी चीजों के लिए जागरुक किया जाता है. पर्यावरण दिवस के दिन हमें पर्यावरण की बहुत चिंता हो जाती है. सेमिनार सम्मेलन और विशेष दिवस के दिन उत्सव से काम नहीं चलेगा. अगर जीवन में सांसे चाहिए तो पेड़ पौधे लगाइए, नहीं तो होशियार हो जाइए, आपदाएं हमें प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सावधान कर रही हैं.

     प्रमुख समाजसेवी एवं सांस्कृतिककर्मी अरविंद चित्रांश ने कहा कि लगभग 3 वर्षों से हम सभी लोग लगातार पौधारोपण करके लगभग रोज ही विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे हैं.  इसी कड़ी में पौधारोपण महाअभियान के प्रणेता, कई वर्षों से भंवरनाथ से लेकर, मोहटी घाट पर पौधारोपण के प्रति लगे हुए तमसा पुरुष सुनील राय पौधों की नर्सरी के साथ, सूखी पत्तियों और फूलों से बर्कले विधि द्वारा जैविक खाद भी बना रहे हैं. जो लगभग 15 कुंटल तैयार कर चुके हैं. पौधारोपण के सजग प्रहरी सुनील राय जी ने बताया कि बर्कले बिधि से बनी जैविक खाद बहुत कम समय में जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ा देती है. जिससे हर पौधों को पेड़ होने में जबरदस्त शक्ति मिलती रहती है.