सेंड ड्यूस एकेडमी की तानाशाही TC के बदले पिछले सत्र की 10 फीसदी फीस के साथ नए सत्र की फीस भी चुकाओ

News from - अभिषेक जैन बिट्टू (प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी-संयुक्त अभिभावक संघ, राजस्थान) 

मुहाना मंडी रोड़ के सेंड ड्यूस एकेडमी का मामला ...

75 फीसदी फीस जमा, अभिभावक टीसी मांग रहा है, स्कूल बोल रहा है पिछले सत्र की 10 फीसदी फीस के साथ नए सत्र की फीस भी चुकाओ

--- लिखा शिक्षा राज्यमंत्री, प्रिंसिपल सेकेट्री, जिला शिक्षा अधिकारी और बाल आयोग को पत्र

     जयपुर। निजी स्कूलों की फीस को लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है. मंगलवार को मानसरोवर के मुहाना मंडी रोड़ स्थित सेंड ड्यूस एकेडमी स्कूल का भी एक मामला सामने निकलकर आया. अभिभावक ने संयुक्त अभिभावक संघ के हेल्पलाइन नम्बर 9772377755 पर फोन कॉल कर स्कूल की तानाशाही की जानकारी दी. अभिभावक ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल ही नही बल्कि नामुमकिन होता जा रहा है. ना काम-धंधे है, ना रोजगार है. घर बैठकर कैसे निजी स्कूलों की फीस चुकाए? पिछले सत्र में जैसे तैसे कर स्कूल को 75 फीसदी फीस चुका भी दी. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का 85 फीसदी फीस जमा करवाने का आदेश भी आ गया किन्तु हमारे पास अभी 10 फीसदी फीस जमा करवाने की व्यवस्था बिल्कुल भी नही है. स्कूल प्रशासक को बोल भी दिया कि हमारे पास जैसे व्यवस्था हो जाएगी, हम जमा करवा देंगे किन्तु किन्तु स्कूल प्रशासक मानने को तैयार नही है. इस स्थिति में जब स्कूल से बच्चों की टीसी लेनी चाही तो स्कूल प्रशासक अब 10 फीसदी के साथ-साथ नए सत्र के पहले क्वाटर की फीस भी मांग रहा है जबकि नए सत्र की पढ़ाई अभी 10 दिन पहले शुरू हुई है और टीसी के लिए स्कूल प्रशासन को मौखिक रूप से सूचना दे दी थी।

    प्रदेश विधि मामलात मंत्री अमित छंगाणी ने कहा कि सेंड ड्यूस एकेडमी स्कूल को लेकर शिकायत प्राप्त हुई है. जिस पर मंगलवार शाम को संयुक्त अभिभावक संघ द्वारा प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री, प्रिंसिपल सेकेट्री, जिला शिक्षा अधिकारी और बाल आयोग को पत्र लिखकर मामले में संज्ञान लेकर कार्यवाही की मांग की गई है। यह सच है कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई को अपने आदेश में 85 फीसदी फीस जमा करवाने के आदेश दिए थे किंतु इस आदेश के साथ फीस एक्ट की पालना भी सुनिश्चित भी करने की बात कोर्ट ने कही थी और उसी के तहत सत्र 2019-20 की फीस के तहत 85 % जमा करवाने के आदेश दिए थे। किंतु स्कूल द्वारा ना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना की जा रही है ना फीस एक्ट की पालना की जा रही है। ऐसे में स्कूल संचालक कैसे अभिभावकों पर फीस जमा करवाने का दबाव बना सकता है। 

संयुक्त अभिभावक संघ ने सेंड ड्यूस सहित एमपीएस, एमजीपीएस, माहेश्वरी बालिका विद्यालय सहित अग्रसेन स्कूल के आठ अभिभावकों की शिकायत पर की कार्यवाही की मांग

     जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि मंगलवार को सेंड ड्यूस एकेडमी स्कूल सहित एमपीएस तिलक नगर, एमजीपीएस विद्याधर नगर, माहेश्वरी बालिका विद्यालय चौड़ा रास्ता, अग्रसेन स्कूल, सांगानेरी गेट आदि स्कूलों के आठ से भी अधिक अभिभावकों की शिकायत दर्ज करवाई गई है। इन स्कूलों में अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन ने पिछले सत्र का रिजल्ट रोकने के साथ-साथ नए सत्र के दौरान बच्चों की पढ़ाई को भी रोका हुआ है। जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है, 03 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि कोई भी स्कूल ना बच्चों का रिजल्ट रोक सकता है ना पढ़ाई रोक सकता है उसके बावजूद निजी स्कूल अभिभावकों की पीड़ाओं का ना केवल मजाक बना रहे है बल्कि बच्चों की पढ़ाई रोककर उन्हें जबर्दस्ती प्रताड़ित कर रहे है। जो राइट टू एजुकेशन के विरुद्ध भी है। निजी स्कूलों की हठधर्मिता पर जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग को कार्यवाही करनी चाहिए।