संयुक्त अभिभावक संघ का "ऐलान".... 30 जुलाई को अभिभावक करेंगे "शिक्षा शंकुल" का घेराव

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

फीस एक्ट 2016, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित नही होने पर एवं निजी स्कूलों के दवाब में स्कूल खोलने पर अभिभावकों में आक्रोश

जयपुर। पिछले काफी दिनों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना एवं फीस एक्ट 2016 की पालना सुनिश्चित करने की मांग को लेकर जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, भिवाड़ी, बांदीकुई सहित विभिन्न जिलों और कस्बों में ज्ञापन का दौर चला साथ ही गुरुवार को शिक्षा मंत्री ने बिना निर्धारित निजी स्कूलों के दवाब में आकर स्कूलो को खोलने का गैरजिम्मेदाराना निर्णय के विरोध में संयुक्त अभिभावक संघ ने सड़को पर उतने का ऐलान करते हुए राजधानी जयपुर शहर में शुक्रवार 30 जुलाई को जेएलएन मार्ग स्थित शिक्षा शंकुल के घेराव की घोषणा की है। 

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश का अभिभावक शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग और राज्य प्रशासन के व्यवहार से अचंभित है, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के एजेंट के तौर पर कार्य कर अभिभावकों की मांगों को अनसुना कर उन्हें निजी स्कूलों के हाथों प्रताड़ित होने के लिए मजबूर किया जा रहा है। लगातार शिकायतों के बावजूद ना शिक्षा मंत्री कोई सुनवाई कर रहे है ना ही शिक्षा विभाग कोई सुनवाई कर रहा है ना ही कोई कार्यवाही कर रहा है जिसके चलते निजी स्कूल लगातार अभिभावकों पर तानाशाही रवैया अपनाए हुए है। जिसके अभिभावक आक्रोशित है। 

     प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि गुरुवार को जिस प्रकार शिक्षा मंत्री ने बिना कैबिनेट की बैठक में निर्णय करे बगैर 2 अगस्त से स्कूलो को खोलने की घोषणा का गैरजिम्मेदाराना बयान दिया जिसका प्रदेशभर के अभिभावकों और नागरिको ने पुरजोर तरीके से विरोध किया व मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप कर 5 सदस्यीय समिति को गठित कर स्कूल खोलने पर पुनः विचार करना पड़ा। जिससे साफ प्रतीत होता है कि राज्य के शिक्षा मंत्री पूरी तरह से निजी स्कूलों के दवाब में आकर एक एजेंट के तौर पर कार्य कर रहे है और शिक्षा विभाग का भी वह इस्तेमाल कर निजी स्कूलों का संरक्षण कर रहे है। संयुक्त अभिभावक संघ की मांग है कि शिक्षा मंत्री तत्काल अपने पद से इस्तीफा देंवे या मुख्यमंत्री उन्हें बर्खास्त करें। प्रदेश के अभिभावकों को अपना अधिकार चाहिए जो कानून के तहत अभिभावकों को प्राप्त नही तो शिक्षा मंत्री और शिक्षा अधिकारी अपने पदों से इस्तीफा देंवे।