पहले बच्चों का वेक्सिनेशन करवाये, सरकार और स्कूल प्रत्येक बच्चों के स्वास्थ्य की लिखित गारंटी और जिम्मेवारी लेंवे

News from -  अभिषेक जैन बिट्टू (प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी-संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान)

स्कूल खोलने के निर्णय पर बोला संयुक्त अभिभावक संघ ....

सरकार अपना कर्तव्य भूल बच्चों और अभिभावकों की जिंदगी से खिलवाड़ कर स्कूलो की कठपुतली बन रही है, हमारे बच्चे अनाथ नही है

     जयपुर। प्रदेश में स्कूलों को खोलने पर चल रहे विचार-विमर्श को विराम देते हुए राज्य सरकार ने गुरुवार को 2 अगस्त से स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने गंभीर सवालों को खड़े करते हुए राज्य सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया की है। संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि " राज्य सरकार ने प्रदेश की जनता के प्रति अपनी निष्ठा को निजी स्कूलों के आगे गिरवी रखकर ना केवल छात्रों के भविष्य से साथ खिलवाड़ करने की साजिश रची है बल्कि उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों के जीवन को भी संकट में डाल दिया है। 

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने निजी स्कूलों के दबाव में आकर उनकी कठपुतली बन एकतरफा फैसला तो कर दिया किन्तु पिछले चार-पांच दिनों में अन्य राज्यों की गतिविधियों को गंभीरता से नही लिया। पांडुचेरी ने पांच दिनों पहले 20 बच्चों के कोरोना संक्रमित आने पर दुबारा स्कूलो को तत्काल बन्द करने की घोषणा करनी पड़ी, वही मध्य प्रदेश सरकार ने भी हालात को गम्भीर समझते हुए फिलहाल स्कूलों को नही खोलने का निर्णय लिया। उसके बावजूद राज्य सरकार ने वर्तमान हालात को गंभीरता से ना लेते हुए स्कूलों के दबाव में स्कूल खोलने का निर्णय लिया। संयुक्त अभिभावक संघ ने पिछले चार दिनों से राज्य सरकार से मांग कर रहा है कि " अगर स्कूल खोलना चाहते है तो बेसक खोल देंवे किन्तु उससे पहले राज्य सरकार और स्कूल संचालक प्रत्येक बच्चे के स्वास्थ्य की लिखित गारंटी और जिम्मेदारी लेंवे।" किन्तु हर बार की तरह इस बार भी प्रदेश के 2 करोड़ अभिभावकों की मांगों को दरकिनार कर 35 हजार निजी स्कूलों के दबाव में आकर राज्य सरकार ने स्कूलो को खोलने का निर्णय लिया। राज्य सरकार को प्रदेश का अभिभावक चेता देना चाहता है कि उनके बच्चे अनाथ नही है सरकार अपना कर्तव्य भूल सकती है किंतु अभिभावक अपने बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी नही भूल सकती है।

     प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी जितनी निजी स्कूलों को संरक्षण देने की है उतनी ही जिम्मेदारी और जवाबदेही अभिभावकों के प्रति भी है। बेसक निजी स्कूल सरकार को फंड उपलब्ध करवाता हो किन्तु सरकार यह ना भूले अभिभावक वोट और टैक्स दोनों देता है। जब तक राज्य सरकार और स्कूल प्रत्येक बच्चों के स्वास्थ्य की लिखित गारंटी और जिम्मेवारी नही लेंगी प्रदेश का अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नही भेजेंगा और यह कैसा निर्णय है जिसमे सरकार जिनको वेक्सीन उपलब्ध करवा रही है उनको छोड़कर केवल उन स्कूली बच्चों के पीछे पड़ी है। जिनके वेक्सिनेशन की जानकारी तक ना राज्य सरकार के पास है और ना केंद्र सरकार के पास है। साथ डेल्टा वायरस को लेकर किये जा रहे दावे और वादों को भी दरकिनार किया जा रहा है। जो राज्य सरकार के निर्णयों पर सवालिया निशान खड़े कर रहे है। जिसका अभिभावकों को ही नही बल्कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को जवाब चाहिए।