भेदभाव एवं पक्षपात होना अन्यायकारी है – रामपाल जाट

 News from - गोपाल सैनी (कार्यालय सचिव-किसान महापंचायत)

दो सदस्यीय शिष्टमंडल ने उपराज्यपाल, दिल्ली को सौंपा ज्ञापन, प्रोटोकॉल अधिकारी से हुई वार्ता 

     नई दिल्ली, जंतर-मंतर पर सत्याग्रह के लिए पिछले चार माह से प्रयास करने वालों को छोड़कर अन्य को आनन-फानन में ही अनुमति दे दी गयी जबकि 19 मार्च2 अप्रेल, 8 अप्रेल, 11 अप्रेल, 30 अप्रेल, 12 जून, 14 जून, 7 जुलाई, 10 जुलाई एवं 12 जुलाई को उपायुक्त पुलिस, नई दिल्ली को तथा 15 एवं 20 जुलाई को पुलिस आयुक्त, दिल्ली को आवेदनों के उपरांत भी किसानो को सत्याग्रह की अनुमति नहीं दी गई. मौखिक सहमति के आधार पर 5 जुलाई से जंतर-मंतर पर सत्याग्रह आरम्भ हुआ. एक दिन छोड़कर, आज 22 वे दिन भी सत्याग्रहियों को अभिरक्षा में लेकर पुलिस थाना संसद मार्ग पर निरुद्ध किया गया है.

एक ही प्रकार के प्रकरण में भिन्न-भिन्न मापदंड ही नहीं अपनाये गये बल्कि 4 माह से आवेदन करने वालों को पीछे धकेल दिया गया. यह भेदभाव एवं पक्षपात में जिन्दी मक्खी निगलना जैसा है, जो अन्याय की श्रेणी में आता है.

इसी अन्याय को दूर करने के लिए आज उपराज्यपाल, दिल्ली से दो सदस्यीय शिष्ट मंडल किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट एवं दिल्ली से सतीश लम्बरदार राजभवन पहुंचे।ज्ञापन सौंपा तथा “सत्याग्रह” नामक पुस्तक भेंट की. प्रोटोकॉल अधिकारी डांगी से वार्ता हुई. सत्याग्रहियों को सत्याग्रह के लिए जंतर-मंतर पर स्थान उपलब्ध कराने का ज्ञापन में उल्लेख किया हुआ है.