नई दिल्ली. 28 नवंबर 2020 को राजस्थान के किसानों ने किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में जयपुर से नई दिल्ली जंतर-मंतर के लिए कूच किया था। उसी के अनुसरण में जंतर-मंतर, नई दिल्ली पर 5 जुलाई से सत्याग्रह आरंभ किया, जिसे 56 दिन हो चुके हैं। सत्याग्रही किसानों को प्रतिदिन पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर पुलिस थाना संसद मार्ग पर निरुद्ध किया जाता है, दिन भर सत्याग्रही किसानों को पुलिस अभिरक्षा में ही रहना पड़ता है। अभी तक राजस्थान के अतिरिक्त दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र राज्यों से भी किसानों ने सत्याग्रह में भागीदारी की है।
(पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पर नारेबाजी करते सत्याग्रही) |
आज सत्याग्रहियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा सहित मोटे अनाजों की खरीद के लिए केंद्र सरकार को आगाह किया। मोटे अनाजों की खरीद नहीं होने से गेहूं एवं धान की खेती के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई. इससे फसल विविधीकरण का संतुलन बिगड़ा। किसानों ने केंद्र सरकार को चेताया कि वह गेहूं एवं धान की भांति ही बाजरा जैसी पोष्टिक मोटे अनाजों की खरीद की नीति बनावे।
आज के सत्याग्रह में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के अतिरिक्त प्रदेश अध्यक्ष मुसद्दी लाल यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष छीतर लाल गुर्जर, प्रदेश मंत्री बत्ती लाल बैरवा, प्रदेश प्रचार प्रचार मंत्री मिश्री लाल गुर्जर, बीकानेर से छोटू लाल चौहान तथा हरियाणा के समाजसेवी इंद्रजीत नेहरा को थाने में निरुद्ध किया गया है।
आज पटेल चौक मेट्रो स्टेशन जंतर-मंतर एवं पुलिस थाना संसद मार्ग पर सत्याग्रहियों द्वारा नारेबाजी कर प्रदर्शन करते हुए। इसमें बोले गए नारे
"नई चेतना आई है हलदर-हलदर भाई है"
एमएसपी पर खरीद का कानून बनाओ कानून बनाओ।
भारत माता की जय ।
हम शांति के दूत है भारत मां के पूत है।
के नारों से जंतर-मंतर गूंजायमान हुआ।