पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने को लेकर चल रही साइकल यात्रा पहुंची " सिरोही "

News from - अभिषेक जैन बिट्टू / खुशबू शर्मा 

वन भूमि पर अतिक्रमण एवं मुकदमेबाजी से होने वाली पर्यावरणीय क्षति के लिए हो नई  नीति का निर्माण - अधिवक्ता रितेश शर्मा

     सिरोही/जयपुर। देश और प्रदेश में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं पर्यावरण को संरक्षित और सुरक्षित रखने के उद्देश्य को लेकर वन विभाग, मैं भारत फाउंडेशन और एनजेआरएस लॉ ऑफिसेज के क़ानूनी विशेषज्ञों द्वारा "लैंड्स लिटिगेशन एंड एनवायरनमेंट लॉस" कार्यक्रम के तहत साइकिल यात्रा का आयोजन प्रदेश में चल रहा है. मंगलवार को यह साइकल यात्रा सिरोही पहुंची। 

     इस साइकल यात्रा के तहत प्रदेश में मीडीएशन, विभागों में कोऑर्डिनेशन, रेंज स्तर पर लाईजन ग्रुप्स एवं विभिन्न क़ानूनों के समन्वय से पर्यावरण को संरक्षित करने वाली नई नीतियों का निर्माण करने और करवाने की दिशा में होगा। देश में क़रीब 13000 वर्ग किलोमीटर वन भूमि पर मिलीभगत एवं शक्ति बल से लोगों ने निजी फ़ायदे के लिए अतिक्रमण कर रखा है। मुक़दमेबाज़ी में उलझी वन एवं शामलाती भूमि को शीघ्र मुक्त करवाने एवं लम्बी मुक़दमेबाज़ी से होने वाली पर्यावरणीय क्षति को कम करने के उद्देश्य से “मैं भारत फाउंडेशन” एवं एनजेआरएस लॉ फ़र्म के क़ानूनी विशेषज्ञों द्वारा वन विभाग, राजस्थान के तत्वधान  में “लैंड्स लिटिगेशन एंड एनवायरनमेंट लॉस” कार्यक्रम की शुरुआत श्रुति शर्मा, पूर्व हेड ओफ़ फ़ॉरेस्ट फ़ॉर्सेज़ द्वारा रणथंबौर राष्ट्रीय उध्यान की खंडार रेंज से की गई थी।

     कार्यक्रम के तहत अवैध क़ब्ज़ों एवं मुक़दमेबाज़ी में मीडीएशन की सम्भावनाए, सरकारी विभागों में कोऑर्डिनेशन, रेंज स्तर पर ‘फ़ॉरेस्ट लाईजन ग्रूप’ की पहचान एवं शुरुआत के साथ विभिन्न क़ानून एवं नियमों के आपसी समन्वय पर आधारित ‘फ़ॉरेस्ट नीति का निर्माण कर विभाग को सौपा जाएगा। नयी नीति वन भूमि पर अतिक्रमण एवं मुक़दमेबाज़ी के शीघ्र निस्तारण के लिए कारगार साबित होगी। 

(नरपत सिंह राजपुरोहित)

     इस कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा ‘ग्रीन मैन' के नाम से प्रख्यात नरपत सिंह राजपुरोहित द्वारा निभाया जा रहा है। ग्रीन मैन नरपत सिंह साइकिल यात्रा के दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगो को जागरूक करते हुए प्रथम फ़ेज़ में सवाई माधोपुर, टोंक, बूँदी, भीलवाड़ा, चित्तोड, उदयपुर ज़िले की विभिन्न फ़ॉरेस्ट रेंजो से होते हुए पिंडवाड़ा मार्ग से मंगलवार को सिरोही पहुँचे। उनके द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर फ़ॉरेस्ट की विभिन्न रेंजों में “लैंड, लिटिगेशन एवं एन्वायरॉनमेंटल लॉस” मुहिम की सफलता के लिए आमजन में से “फारेस्ट लाइज़िंग ग्रुप” के लिए लोगों की पहचान की जा रही है। जो मुक़दमेबाज़ी के शीघ्र निस्तारण में अहम भूमिका निभाने में सहायक हो सकते है। 

     मैं भारत फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अधिवक्ता रितेश शर्मा के अनुसार  "लैंड्स लिटिगेशन एंड एनवायरनमेंट लॉस" कार्यक्रम के तहत मैं भारत फाउंडेशन और एनजेआरएस लॉ ऑफिसेज के क़ानून विशेषज्ञ वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए विभिन्न समाधानों की पहचान की जा रही है। हमारे प्रयास वन विभाग के लिए मददगार साबित होंगे तथा इससे पर्यावरण संरक्षण को फायदा मिलेगा। वन भूमि पर अतिक्रमण एवं मुकदमेबाजी से पर्यावरण को अत्यधिक क्षति हो रही है. अतिक्रमण और मुकदमेबाजी से पर्यावरणीय क्षति को बचाने के लिए नए नीति के निर्माण की अति आवश्यकता है. जिसको साकार कर पर्यावरण को संरक्षित किया जाएगा।


     सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता नीलाम्बर झा के अनुसार राजस्थान में भारतीय वन-अधिनियम 1927, राजस्थान वन अधिनियम 1953 होने के बावजूद वन भूमि रेवेन्यू रिकॉर्ड, सीमाज्ञान एवं मुकदमेबाजी के कारण अपूरणीय पर्यावरणीय क्षति कारित हो रही है। जिससे निजात पॉलिसी डॉक्युमेंट एवं रिपोर्ट तैयार कर जल्दी ही विभाग को सौपी जाएगी।