News from - पप्पू लाल कीर / हिमांशु सोनी
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा कांकरोली
कांकरोली। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री संजय कुमार जी, मुनि श्री प्रकाश कुमार जी एवं मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ जी के सानिध्य में ज्ञानशाला दिवस, तेरापंथ सभा काकरोली द्वारा मनाया गया और अर्हम की वंदना फले गीत से ज्ञानशाला के बच्चों ने मंगलाचरण किया। सभा अध्यक्ष प्रकाश सोनी ने कहा ज्ञानशाला में जो संस्कार प्रारंभ से मिलते हैं, वह बाद में नहीं मिलते। इसलिए ज्ञानशाला का बहुत बड़ा महत्व है।
मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ ने कहां ज्ञान शाला संस्कारों की पाठशाला होती है. ज्ञानशाला आज शिक्षा और संस्कार में दूरी बढ़ती जा रही है. यह सर्वांगीण विकास में बाधक तत्व है। सर्वांगीण विकास के लिए जीवन विज्ञान योग जरूरी है। ज्ञानशाला के माध्यम से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। ज्ञानशाला के माध्यम से कांकरोली की ज्ञानशाला ज्ञानवर्धक कार्य कर रही है। जिससे बच्चों में अच्छा विकास हो रहा है।
मुनि श्री प्रकाश कुमार ने कहा किसी भी कार्य के आयोजनों में उसकी पृष्ठभूमि में संतो की अहम भूमिका होती है। संतों के मार्गदर्शन से ही कार्यक्रम में सफलता मिलती है। अपेक्षा है कार्यकर्ता संतों का मार्गदर्शन प्राप्त करें। ज्ञानशाला के द्वारा बच्चों में ज्ञान के साथ संस्कारों का भी निर्माण होता है।
उद्बोधन प्रदान करते हुए मुनि श्री संजय कुमार ने कहा बच्चे उपदेश प्रिय नहीं होते, बच्चे आचरण प्रिय होते हैं। बच्चे देखा देखी करते हैं। आप जो कहते हैं बच्चा वैसा करता नहीं आप जो करते हैं बच्चा वैसा करता है। अतः आप का आचरण सही होगा तो बच्चों का आचार और व्यवहार सही होगा। इस अवसर पर ज्ञानशाला कांकरोली की ओर से पाठशाला जाना और भीखन बाबा की एक्शन सॉन्ग की सुंदर प्रस्तुति दी गई. जिसकी लोगों ने खूब प्रशंसा की. इस अवसर पर आमेट से समागत नरेंद्र कुमार श्रीमाल ने गीत की सुंदर प्रस्तुति दी.
कार्यक्रम के अंत में ज्ञानशाला की प्रशिक्षकों तथा ज्ञानार्थी को सभा द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के पूर्व ज्ञानशाला दिवस पर रैली का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों द्वारा स्वस्तिक मंगल का सुंदर निर्माण किया गया। सम्मान की रस्म अदा की गई. कार्यक्रम में ज्ञानशाला प्रभारी बाबूलाल इटोदिया उपस्थित थे. ज्ञानशाला के बच्चो को कांकरोली की 13 प्रशिक्षकायें हर रविवार को 2 केंद्र पर पढ़ाती है और दोनों केंद्र पर 110 बच्चे पढ़ने आते है. वर्ष 2019 - 20 और वर्ष 2020- 2021 में शिशु बोध की परीक्षा में प्रथम 11 बच्चे, सेकंड 14 और तृतीय 11 बच्चो को सभा की ओर से पारितोषिक दिए गए. 2 नई प्रशिक्षकाओ के प्रथम और द्वितीय आने पर उन्हें भी पारितोषिक दिए गए. कार्यक्रम का संयोजन सूरज जैन ने किया। इस अवसर पर समाज के गणमान्य श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे।