स्कूल खोलने से पहले सरकार बच्चों के स्वास्थ्य की गारंटी और व्यवस्था सुनिश्चित करे, स्कूलो के दबाव में जल्दबाजी ना करे - संयुक्त अभिभावक संघ

News from - अभिषेक जैन बिट्टू 

     बच्चे देश का भविष्य है, फीस वसूलने के चलते निजी स्कूलों के दबाव में आकर बच्चों की जिंदगी दांव पर ना लगाए सरकार

     जयपुर। प्रदेश में एक बार फिर स्कूलो को खोलने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार पर निजी स्कूलों से मिलीभगत कर बच्चों की जिंदगी और भविष्य दांव पर लगाने की योजना बनाने का आरोप लगाया है।

     संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि राज्य सरकार स्कूल खोलने से पहले बच्चों के स्वास्थ्य की गारंटी लेंवे और स्वास्थ्य व्यवस्थाओ को सुनिश्चित करें, निजी स्कूलों के दबाव में आकर किसी भी प्रकार की जल्दबाजी ना करे, स्कूल खोलने के बाद अगर हालात बिगड़े तो राज्य सरकार को पछतावा करने का अवसर प्रदेश की जनता बिल्कुल भी नही देंगी। 

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है, राज्य सरकार निजी स्कूलों के दबाव में आकर बन्द कमरों में एकतरफा फैसला प्रदेश की जनता पर थोपने की तैयारी में जुटी है। निजी स्कूल संचालक केवल फीस वसूलने को लेकर स्कूल खोलने का दबाव बना रहे है, 15 दिन स्कूलो को खोलकर अभिभावकों पर दबाव बनाएंगे और जबर्दस्ती फीस वसूल करेंगे, जब हालात बिगड़ जाएंगे तो स्कूल बंद करने के आदेश जारी हो जायेगे। राज्य सरकार से पुनः अपील है निजी स्कूलों के दबाव में आकर देश और राज्य के भविष्य को कुचलने की साजिश रचने के बजाय बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता और प्रदेश में हालात ना बिगड़े ऐसी व्यवस्था पर कार्य करे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं घोषणा कर रहे है 22 अगस्त से हालात बिगड़ने के आसार जता रहे है ऐसे में जब रक्षा बंधन जैसा पवित्र त्यौहार आ रहा है ऐसे में प्रदेश के करोड़ो परिवारों की रक्षा का वचन निभाये।

     निजी स्कूलो के दबाव में स्कूल खोलने पर चर्चा हो सकती है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करवाने को लेकर राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री गंभीर क्यो नही

     प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार जितनी शिक्षा माफियाओं को संरक्षण दे रही है उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था गर्त में जा रही है, राज्य सरकार की जिम्मेदारी साक्षरता को बढाने की थी किन्तु साक्षरता को बढ़ाने की बजाय प्रदेश के लाखों बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है। शिक्षा मंत्री जितना स्कूल माफियाओं के साथ बन्द कमरों में बैठकर मनमाने फेसले ले रहे है उससे प्रदेश के करोड़ो अभिभावक आक्रोशित है। राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री निजी स्कूलों के दबाव में आकर स्कूलो को खोलने पर स्कूल के संगठनों के साथ वार्ता और बैठके कर सकती है किंतु सुप्रीम कोर्ट द्वारा 03 मई 2021 को आये आदेश की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए अपनी गंभीरता नही दिखा सकती है। राज्य सरकार को खुली चेतावनी है वह हम अभिभावकों पर कितने ही झूठे मुकदमे और लाठीचार्ज करवा लेंवे, किन्तु हम झुकने वाले नही है। प्रदेश का अभिभावक अपने अधिकारों और निजी स्कूलों की लूट के खिलाफ ना केवल जागरूक हो चुका है बल्कि वह एकजुट भी हो गया है। अब राज्य सरकार को स्कूल, शिक्षक और अभिभावकों के बीच सेतु का काम करना है जो आज दिनांक तक नही किया।