News from - अभिषेक जैन बिट्टू
फीस के चलते स्कूल संचालक सीबीएसई, आईसीएसई और आरबीएसई बोर्ड के रजिस्ट्रेशन फॉर्म नही भरने की दे रहे है धमकियां
जयपुर। कोरोना महामारी से उपजा संकट थमने का नाम नही ले रहा है, पिछले डेढ़ सालों से निजी स्कूलों की फीस को लेकर चल रहा फसाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी थम नही रहा है, निजी स्कूलों की मनमानियों के खिलाफ प्रतिदिन नए प्रकरण देखने को मिल रहे है, जिसको लेकर प्रदेशभर के अभिभावक लगातार शिकायत दर्ज करवा रहे है। गुरुवार को संयुक्त अभिभावक संघ ने अभिभावकों की शिकायत के आधार पर प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों पर फीस के चलते 10 वीं और 12 वीं बोर्ड पंजीकरण नही करने का आरोप लगाते हुए, राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से बोर्ड के रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण की अलग से व्यवस्था करने की मांग की है।
संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान सत्र में कक्षा 9 वीं और 11 वीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का अगले सत्र कक्षा 10 वीं और 12 वीं में बोर्ड रजिस्ट्रेशन की एडवांस प्रकिया अपनाई जाती है। जिन छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने स्कूलो की फीस जमा करवा दी है उनके बोर्ड रजिस्ट्रेशन फॉर्म/पंजीकरण तो किया जा रहा है किंतु जिन छात्र-छात्राओं के अभिभावक कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार हुए है, पीड़ित हुए है और जिन अभिभावकों का काम-धंधा चौपट हुआ है उन अभिभावकों को स्कूल संचालक लगातार धमकियां दे रहे है कि अगर स्कूल फीस जमा नही करवाई गई तो वह उनके बच्चों के बोर्ड रजिस्ट्रेशन फॉर्म/पंजीकरण नही करेंगे। अब स्थिति इतनी विकट हो गई है कि जिन छात्र-छात्राओं का बोर्ड रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा जा चुका है लेकिन उनकी फीस बाकी है तो उन छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को दुबारा बोर्ड रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने की धमकियां दे रहे है जिससे मनमुताबित फीस अभिभावकों से वसूली जा सके।
पीड़ित अभिभावकों के लिए संघ ने जारी किया हेल्पलाइन
अरविंद अग्रवाल ने पीडित अभिभावकों के लिए संगठन की हेल्पलाइन नम्बर 9772377755 जारी करते हुए बताया कि स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावक संघ से सम्पर्क कर अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते है। अग्रवाल ने बताया की पिछले पांच दिनों से लगातार अभिभावकों की शिकायतें मिल रही है, पीड़ित अभिभावक कोरोना महामारी से उपजे हालातों का हवाला दे रहे है स्कूल संचालकों, शिक्षा विभाग सहित राज्य सरकार से फरियाद कर रहे है किन्तु स्कूल संचालक सहित शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के जिम्मेदार पदाधिकारी, अधिकारी अभिभावकों की दयनीय स्थिति का मजाक बनाकर उन्हें ना केवल प्रताड़ित कर रहे है बल्कि उन्हें अपमानित तक कर रहे है।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चंद्रमोहन गुप्ता ने कहा कि संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान सरकार से मांग करता है कि जो अभिभावक कोरोना महामारी से पीड़ित हुए है या जिन अभिभावकों का काम-धंधा छुटा है या जो अभिभावक बेरोजगार हुए है उन अभिभावकों के कक्षा 10 वीं और 12 वीं के छात्र-छात्राओं के सीबीएसई, आईसीएससी और आरबीएसई बोर्ड रजिस्ट्रेशन/पंजीकरण की अलग से व्यवस्था की जाए या स्कूल संचालकों को फिदायत जारी की जाए। जिससे उन छात्र-छात्राओं की ना पढ़ाई खराब हो या साल खराब हो, अगर जल्द से जल्द पंजीकरण की व्यवस्था नही की गई तो मजबूरन अभिभावकों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाना पड़ेगा।