"सच्ची राह का निर्माण करना" ही "उत्तम सत्य धर्म"- गणिनी आर्यिका गौरवमती

News from - अभिषेक जैन बिट्टू 

बुधवार को मनाया जाएगा "उत्तम संयम धर्म"

     जयपुर। दिगम्बर जैन समाज मे चल रहे दशलक्षण महापर्व के पांचवे दिन "उत्तम सत्य धर्म" मनाया गया. इस अवसर पर जैन मंदिरों में श्रद्धा-भक्ति के साथ श्रीजी का कलशाभिषेक, शांतिधारा कर श्रद्धालुओं ने दस धर्म की पूजन के साथ विधान पूजन कर जिनेन्द्र आराधना की। श्याम नगर स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य प्रातः 7 बजे से विधान पूजन हुआ. इससे पूर्व प्रातः 6.15 बजे से कलशाभिषेक हुए. इसके उपरांत प्रातः 9 बजे उत्तम सत्य धर्म पर प्रवचन सभा हुई। दोपहर 2 बजे पंचमेरु के 5 दिन का निर्जल उपवास करने वाली श्राविका के पुण्यार्जन में पंचमेरु विधान पूजन का आयोजन गीत-संगीत के साथ किया गया।


     उत्तम सत्य धर्म का महत्व बताते हुए गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी ने कहा कि "सत्य की बुनियाद पर मोक्ष का महल टिका होता है. झूठ नींव पर तैयार होने वाले महल को धसने में देर नहीं लगती है. जिस प्रकार कभी सच्चाई छुप नहीं सकती, झूठे उसूलो से खुशबू आ नहीं सकती, कभी कागजो के फूलो से खुशबू नहीं आ सकती. उसी प्रकार झूठे बोल बोलने से कामयाबी भी नहीं मिल सकती. सत्य होते हुए भी जो वचन अप्रिय हों वे असत्य की कोटि में आते है. कहा भी गया है कि - सत्य ब्रूयातु प्रियं ब्रूयातु नब्रूयातु सत्यमप्रियम।"


      “अर्थात जिन सत्ये वचनो से दोस्तो की हिंसा हो उन वचनो को असत्य ही समझना चाहिए।  हमेशा शास्त्रनुकूल वचन बोलने चाहिए, यदि स्वयं पालन न भी कर सकें तो भी वे ही वचन बोलने चाहिए जो सत्य हों। व्यवहार में बोले गए असत्य वचन भी सत्य ही होते है, जैसे कोई गेहूं पिसाने जाता है तो वह कहता है कि में आटा पिसाने जा रहा हु।“

     “असत्य बोलने वाले पर कोई विश्वास नहीं करता है और ना ही कोई साथ रखता है अतः सदैव सत्य की राह पर चलना चाहिए, यह असत्य के विरुद्ध सच्ची राह का निर्माण करता है, असत्य के खिलाफ स्थिर रहने की शक्ति प्रदान करता है इसे उत्तम सत्य धर्म कहा गया है।“


      अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि दस धर्म के छठे दिन बुधवार को "उत्तम सयंम धर्म पर्व श्रद्धा-भाव पूर्वक मनाया जायेगा। इस दौरान श्याम नगर दिगम्बर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य में भगवान आदिनाथ स्वामी का कलशाभिषेक, शांतिधारा के साथ विधान पूजन होगा और उत्तम संयम धर्म पर प्रवचन होंगे।