शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती आज संसद मार्ग थाने में ही मनाईं - रामपाल जाट

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देश आज अपने हीरो को याद कर रहा है, शहीद भगत सिंह की जयंती मनाई

     नई दिल्ली. भगत सिंह की जयंती : देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 114वीं जयंती मनाई गई। यारों का यार भगत सिंह, जिसने देश के लिए जान दे दी. सरदार भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को हुआ था. पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के बांगा गांव में भगत सिंह ने जन्म लिया। उनका परिवार पहले से ही आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ अपनी ओर से जुटा हुआ था, बाद में भगत सिंह भी इसी राह पर चल पड़े. 

     काफी कम उम्र में ही भगत सिंह ने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया था. फिर चाहे दिल्ली की असेंबली में बम फेंकना हो, जेल में रहकर भूख हड़ताल करनी हो या फिर ब्रिटिश शासन के एक पुलिस अफसर से बदला लेने की घटना हो। वर्तमान संसद मार्ग थाना, नई दिल्ली में भगत सिंह को जेल में रखा गया। भगतसिंह पर दर्ज केस आज भी संसद मार्ग थाना में सुरक्षित हैं।

भगतसिंह का स्मारक बनें

     किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने 13 अगस्त 2021 को भगतसिंह स्मारक बनाने की मांग प्रधानमंत्री, गृहमंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर थाना संसद मार्ग को स्मारक बनाया जाए से की थी। भगतसिंह ने जेल में जाने के बाद काफी पढ़ाई की, किताबें पढ़ी, लेख लिखे, उनके कई लेख आज भी चर्चित हैं और युवाओं में उनका क्रेज़ है. सिर्फ 24 साल की उम्र में भगत सिंह को 23 मार्च,1931 को फांसी दे दी गई थी।

किसान महापंचायत ने जयंती मनाई तथा मिठाई का भी वितरण किया गया

     किसान महापंचायत प्रदेशाध्यक्ष मुसद्दीलाल यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष छीतर लाल गुर्जर, भरतपुर समाजसेवी अकबर खान, युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, प्रदेश प्रचार प्रसार मंत्री मिश्रीलाल गुर्जर, प्रदेश मंत्री बत्तीलाल बैरवा, दूदू उपखंड अध्यक्ष रामगोपाल गुर्जर, दूदू कार्यकारणी सदस्य जगदीश पालीवाल आदि उपस्थित थे.