News from - AMBUJ SAXENA
उत्तर प्रदेश में जबसे कॉयस्थों को ओबीसी में सम्मलित करने की बात विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से कायस्थ समाज को पता चली है। अधिकांश कायस्थ इसके विरोध में उतर आए हैं और विगत एक माह से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर उसके विरोध में लिख रहे हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर उनका विरोध अब जमीन पर उतर आया। आज उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के विभिन्न जनपदों में कॉयस्थों द्वारा ओबीसी आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन, संगोष्ठी और सभाएं हुई।
लखनऊ में चित्रगुप्त मंदिर में लकी सिन्हा, नितिश राज श्रीवास्तव, सौरभ कुमार श्रीवास्तव, रत्नेश श्रीवास्तव आदि द्वारा आरक्षण के विरोध में सभा की गई एवं आरक्षण के विरोध के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा हुई एवं उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा आयोग एवं माननीय मुख्यमंत्रीजी से निवेदन किया गया कि कायस्थ एक पूर्ण शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से मजबूत जाति है. हम लोगो को जाति गत आरक्षण की कोई आवश्यकता नही है. हम लोगों का स्वयं पर विश्वास है. हम लोगों को ओबीसी में सम्मिलित न किया जाए और इसके लिए वो अपनी पोस्ट कार्ड कंपेन को और गति प्रदान करेगें।
फरीदाबाद में भी आरक्षण विरोध में एकसभा का आयोजन किया गया, जिसमे मुख्य रूप से अतुल कुमार श्रीवास्तव, राममनोहर श्रीवास्तव, राजेश चांद श्रीवास्तव, शिव कुमार सिन्हा, राकेश कुमार वर्मा, अमन श्रीवास्तव, ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव, पप्पू कुमार श्रीवास्तव, अंजना श्रीवास्तव, दीप्ति श्रीवास्तव, श्वेता कुमारी, अन्नू सिन्हा, वसुंधरा वर्मा, शिव देवी श्रीवास्तव, बेबी देवी आदि व कायस्थ समाज के सदस्यों की सहभागिता रही. ओबीसी आरक्षण में कॉयस्थों को सम्मलित किये जाने का विरोध किया गया।
नोएडा में भी विभिन्न जगह कॉयस्थों द्वारा आरक्षणके विरोध में सभाएं की गईं, जिसमें प्रमुख रूप से अम्बुज सक्सेना, संजय नाटी, अतुल श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव आदि एवं कनिका ऑनलाइन उपस्थित रही. कानपुर से सुमित श्रीवास्तव ,विकांशी निगम, अलंकृति, विपिन खरे, सौरभ श्रीवास्तव एवं विकास श्रीवास्तव आदि सम्मिलित हुए और इस जातिगत ओबीसी आरक्षण को लेने से इनकार करते हुए कहा कि हम किसी भी तरह के जातिगत आरक्षण के खिलाफ हैं. इससे प्रतिभाओं का हनन होता है।