न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर नहीं बिक सकेगी किसानों की उपज

News from - Gopal Seni

किसानों के प्रतिनिधिमंडल से सरकार की वार्ता में हुई सकारात्मक चर्चा

     Jaipur. राजस्थान के किसानों की ओर से किसान महापंचायत के द्वारा आहूत मुख्यमंत्री आवास को घेरने के अंतराल में हुई वार्ता में मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से बोली आरंभ होने के संबंध में राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1961 एवं नियम, 1963 में संशोधन के द्वारा सुलभ बनाने के लिए कृषि से संबंधित विभिन्न विभागों के प्रमुख शासन सचिवों की बैठक बुलाने का प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता को बैठक बुलाने के निर्देश दिए । इस बैठक में प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजे जाने के उपरांत मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिए जाने की संभावना बन गयी है । राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1961 में आज्ञापक प्रावधान हेतु MAY शब्द को SHALL शब्द से स्थानापन्न किये जाने के उपरांत किसानो को उनकी उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का वैधानिक अधिकार प्राप्त हो जाएगा । इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बन सकेगा । इसी प्रकार राजस्थान कृषि उपज मंडी नियम, 1963 में संशोधन होने से नीलामी बोली न्यूनतम समर्थन मूल्य से ही आरम्भ हो सकेगी तब किसानो को घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्राप्ति सुनिश्चित हो जायेगी ।

     किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सचिव सतीश नागपाल, प्रदेश संयोजक सत्यनारायण सिंह, अध्यक्ष मुसद्दी लाल यादव, महामंत्री जगदीश नारायण चौधरी, प्रदेश मंत्री बत्ती लाल बैरवा, रतन खोखर, ज्ञान चंद मीणा, युवा किसान महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी, महामंत्री पिंटू यादव, जयपुर जिला महामंत्री नन्दलाल मीणा एवं दूदू उपखंड के अध्यक्ष रामगोपाल गुर्जर, दूदू एवं मौजमाबाद के तहसील अध्यक्ष क्रमश: बलदेव महरिया और रामेश्वर बुरडक, तहसील उपाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण मीणा रहे ।     

      किसानो द्वारा दिए गए ज्ञापन पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य एवं किसान प्रतिनिधिमंडल के मध्य शासन सचिवालय जयपुर में वार्ता हुई । जिसमे मुख्य सचिव की ओर से पशु आहार के अनुपात में दूध का मूल्य निर्धारित करने एवं पशु मेलों के आयोजन के सम्बन्ध में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित करने का आश्वासन दिया गया ।

मुख्यमंत्री आवास घेरने के लिए किसानो ने शहीद स्मारक से 1.30 बजे कूच किया था , जिन्हें पुलिस प्रशासन ने बैरिकेट लगाकर रोक दिया . तब ही सरकार की ओर से किसानो के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से आग्रह किया गया । इसके पूर्व शहीद स्मारक पर निर्धारित समय 11 बजे के पूर्व से ही किसानो का आना आरम्भ हो गया जो कूच करने तक निरंतर चलता रहा । इस अवसर पर किसानो द्वारा लाया गया “हल तथा तुरही की तीखी आवाज” आकर्षण का केंद्र बन कर सबका ध्यान खींचती रही ।