92 दिनों के किसानों के सत्याग्रह के बाद पटल पर आये भगतसिंह,

 News from - गोपाल सैनी (कार्यालय सचिव - किसान महापंचायत)

     75 वे वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव पर पुलिस थाना संसद मार्ग पर उकेरा गया भगतसिंह का चित्र किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट द्वारा प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को पत्र लिखकर पुलिस थाना संसद मार्ग को भगतसिंह स्मारक बनाने की मांग की गई थी।

     जिसमें शहीद भगतसिंह के साथ सुखदेव एवं राजगुरु का भी उल्लेख का भी आग्रह किया गया है। 75 वे वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव पर थाने के दरवाज़े की दीवार पर प्राथमिक रिपोर्ट व मृत्यु प्रमाण - पत्र के साथ जेल में बंदी के रुप में शहीद भगतसिंह को चित्रित किया जाना भाव-विभोर करने वाला दृश्य है । 

     किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट द्वारा भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु जिस थाने की बैरिको में बन्द रहें थे, जिन्हें उनकी स्मृति में भव्य रूप से दर्शनीय बनाया जाकर जनता के दर्शनों के लिए खोली जानें की आवश्यकता बताई है. जिससे "शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,वतन पर मिटने वालों का यही अंतिम निशा होगा" गीत की पंक्तियां सार्थक हो सकेंगी।

     ज्ञात रहे कि 5 जुलाई से 5 अक्टूबर 2021 तक 9 राज्यों के 833 किसानों को सत्याग्रह करने पर पुलिस द्वारा अभिरक्षा में लेकर इसी पुलिस थाने में दिन भर निरुद्ध रखा जाता था। इस अवधि में रक्षाबंधन का पर्व तीनों शहीदों की बैरिको पर राखी बांध कर मनाया गया। सत्याग्रहियों द्वारा अवधि में भगतसिंह जयंती  थाने में लड्डू वितरण कर सम्पन्न की गई। सत्याग्रही किसानों का उन बैरिको को नमन करना दिनचर्या अभिन्न अंग बना रहा।