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जयपुर। आज यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलाजी में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित हुआ. जिसमें तुर्की, नेपाल, नाइजीरिया, रोमानिया एवं अन्य देशों के वैज्ञानिक सम्मिलित हुए तथा साथ ही भारतवर्ष के समस्त भागों से शोधार्थियों ने अपने शोध-पत्र पढें। यह अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस इंजीनियरिंग, विज्ञान एवं मानविकी के क्षेत्रों में उच्च शिक्षा में अंतर-अनुशासनात्मक अध्ययन के महत्व पर आयोजित की गई। यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी के कुलपति डॉ. वी.एन प्रधान ने अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पधारे सभी गणमान्य आगन्तकों का स्वागत किया एवं विश्वविद्यालय का परिचय देते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन की कामना की।
कॉन्फ्रेंस में टोकट गाजिओमनापसा विश्वविद्यालय (तुर्की) के डीन डॉ. कुबिले ओजियर ने कहा कि भारत देश में अंतर-अनुशासनात्मक अध्ययन पर काफी शोधकार्य किया जा रहा है फिर भी इस विषय पर और ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में डॉ. फेहीम कुरूलोगलू टोकेट विश्वविद्यालय तुर्की ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
डायरेक्टर क्वालिटी सर्किल फोर्म ऑफ़ इंडिया एवं हेड हीरो मोटोकोर्प डॉ. शशि भूषण पुरोहित ने भारत में और अधिक नई तकनीक विकसित करने पर बल दिया एवं इसी क्रम में डॉ. रमेश मित्तल, डायरेक्टर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चर मार्केटिंग इंस्टीट्यूट जयपुर ने कृषि विकास के क्षेत्र में नए आयामों पर प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के प्रो. वाइस चांसलर डॉ. अंकित गांधी, डीन रिसर्च डॉ. गौरव सिंघल, कृषि विभाग के डीन डॉ. एस.एस यादव, फार्मेसी के डीन प्रोफेसर मनोज खरड़िया, लॉ डीन डॉ. बालासाहब, परीक्षा नियंत्रक कमल जांगिड, डॉ. प्रमोद शर्मा प्राचार्य रिजनल कॉलेज, डॉ. रीटा बिष्ट डायरेक्टर दीपशिखा कॉलेज, डॉ. रीमा सिंह प्राचार्य दीपशिखा कॉलेज एवं अन्य सम्माननीय शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चैयरमेन डॉ. प्रेम सुराणा ने इस ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के सफल आयोजन पर विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और प्रेरित किया कि ऐसा आयोजन विश्वविद्यालय में आगे भी होना चाहिए जिससे देश-विदेश के प्रबुद्ध शिक्षक वर्ग सम्मिलित हो सके एव शोधार्थी लाभान्वित हो सके।