संघर्ष के बल पर बने महानायक - बिना ताज के बादशाह कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को शत शत नमन - रामपाल जाट

News from - किसान महापंचायत

     जयपुर।  कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन से जो क्षति हुई है उसकी पूर्ति संभव नही है । उन्होंने वंचितों के लिए जो संघर्ष किया वह इतिहास के स्वर्णाक्षरों में रहेगा । वंचितों को उनके संघर्ष के कारण से आरक्षण में लाभ प्राप्त हुआ और अनेको को ऊंचाइयों छूने का अवसर, उनके जीवन की बड़ी उपलब्धी हैं, यह उनके जीवन की बड़ी उपलब्धी है । 

(कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला)
     कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और मेरे संबंध तो गुर्जर आरक्षण आंदोलन आरंभ होने के पूर्व से ही थे. जब हम साथ-साथ किसानों के लिए संघर्ष करते थे. विशेषकर सवाई माधोपुर और करौली जिले में.  उस समय दोनों जिले एक ही थे। उसके उपरांत जब गुर्जर आरक्षण आंदोलन आरंभ हुआ और भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री के रूप में मुझे गुर्जर आरक्षण आंदोलन के संबंध में विचार करने का दायित्व सौंपा गया.

     उसके साथ ही जब गुर्जर आरक्षण आंदोलन के कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके साथ प्रतिनिधियों से वार्ता हुई तब सरकार ने वार्ताकार के रूप में मुझे नियुक्त किया।  गुर्जर समाज और सरकार दोनों के बीच में दूरियों को पाटने का काम तथा उनके अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ रहने का वह एक स्वर्णिम अवसर था। वे इस संबंध में अनेकों बार मेरे घर आते रहते थे उनके और हमारे संबंध सदा मधुर रहे, अच्छे रहे, सौहार्दपूर्ण रहे।

     उनका निधन मुझे व्यथित करने वाला है, वहीं किसान वर्ग भी उनके निधन से व्यथित हैं । मैं परम पिता परमात्मा से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को अपने चरणों में स्थान देकर उनकी आत्मा को शांति तथा सभी स्वजन एवं परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं । ओम शांति: शांति:  शांति:.