निजी स्कूलों की मनमानियों के आगे सरकार और प्रशासन ने घुटने टेके - संयुक्त अभिभावक संघ

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

     जयपुर। फीस को लेकर पिछले दो वर्षो से चले आ रहा फसाद अभी भी बरकरार है, कोरोना महामारी से शुरू हुआ है फसाद कोरोना महामारी की तरह कभी सक्रिय हो जाता है कभी निष्क्रिय हो जाता है, वर्तमान में जैसे ही कोरोना की आहट दुबारा सुनाई दी, विभिन्न राज्यो में कोरोना के मामले सामने आने शुरू हो गए है ठीक वैसे ही स्कूलो की फीस का मसला भी खड़ा हो गया है। निजी स्कूलों की फीस मसले पर 'संयुक्त अभिभावक संघ' ने कहा कि राजस्थान में निजी स्कूलों की मनमानियों के आगे राज्य सरकार और प्रशासन ने घुटने टेक दिए है, ना कोई सुनवाई करने वाला है ना कोई कार्यवाही करने वाला है। 

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि 03 मई 2021 को प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट अपना निर्णय दे चुका है किंतु फैसले को एक वर्ष होने को आया लेकिन आज तक ना राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करवा रही है ना प्रशासन। निजी स्कूलों के दबाव में सरकार और प्रशासन घुटने टेकर ना केवल प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे है बल्कि देश के कानून का खुलेआम अपमान कर रहे है।

एमजीडी स्कूल ने 12 वीं की छात्रा का परमिशन लेटर देने से किया इनकार, भेजा नोटिस कहा पहले फीस चुकाओ

     अजमेरी गेट स्थित एमजीडी स्कूल ने 12 वीं की छात्रा का परमिशन लेटर देने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि उसकी फीस बकाया चल रही है। 25 अप्रैल से 12 की छात्रा की परीक्षा प्रारम्भ हो रही है।

     छात्रा के अभिभावक ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे है जिसकी सूचना लगातार स्कूल प्रशासन को दे रहे है, फीस की समस्या को लेकर स्कूल को दो-तीन बार पत्र लिखने के साथ-साथ स्कूल जाकर मुलाकात भी कर चुके है किंतु स्कूल फीस की मांग पर अड़ा हुआ है, हमारे पत्रों पर सुनवाई करने की बजाय स्कूल ने वकील के जरिये हमें लीगल नोटिस तक भेज दिया। जबकि हम स्कूल से सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फीस की जानकारी भी मांग रहे है वह जानकारी उपलब्ध ना करवाकर मनमानी फीस चुकाने का दबाव बना रहे है, अब जब पूरी फीस चुकाने में असमर्थ है तो स्कूल ने छात्रा का परमिशन लेटर रोक दिया, जिसके बिना वह 12 वीं की परीक्षा नही दे सकती।

एमपीएस इंटरनेशनल स्कूल ने भी फीस के अभाव में छात्रों को बिठाया लाइब्रेरी में

     अभिभावक सुशील गुप्ता ने बताया की बुधवार को एमपीएस इंटरनेशल स्कूल ने भी फीस के अभाव में छात्रों की पढ़ाई रोकर लाइब्रेरी में बिठाकर बच्चों को प्रताड़ित किया। बच्चों की पढ़ाई रोकने से यह शिक्षा के मंदिर कौनसी शिक्षा दे रहे है। स्कूलो का व्यवहार केवल व्यवसाय तक सीमित रह गया है वह ना अभिभावको की पीड़ा देख रहे है ना छात्रों को भविष्य देख रहे है यहां तक कि देश के कानून का भी सम्मान नही कर रहे है। कोर्ट के आदेश को आये 11 महीनें बीत चुके है किंतु आजतक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना स्कूलो में ना हो रही है और ना ही सरकार व प्रशासन से करवा रहा है।